जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने बजट चर्चा पर बोलते हुए कहा कि बजट आर्थिक अनुशासन का सभी देश और प्रदेश के लिए एक जरूरी हिस्सा होता है और उसके तीसरे चरण की चर्चा आज हम लोग कर रहे हैं, एक बड़ी चुनौती होती है बड़े प्रदेश में घोषणाओं के बीच में और सोर्सेज के बीच में, साथ ही सन्तुलन भी एक बड़ी चुनौती है।
पूनियां ने कहा कि पिछले बजट की चर्चा में कई बातों का दोहरान मैं करूंगा नहीं एक 90 प्रतिशत घोषणा है और 10 प्रतिशत स्रोत यह अपने आप में एक बानगी है कि सरकार की सोच पॉपुलिस्टिक घोषणाओं की तरफ ज्यादा है क्रियान्वित पर कम है। 28 जिलों की 61 घोषणाएं ऐसी थी, जो जमीन पर उतरी नहीं, तो मुझे लगता है कि एक बड़ी चुनौती कोरोना का कालखण्ड था, जिससे केन्द्र और राज्य सरकार को रूबरू होना पड़ा, लेकिन कोई भी लोककल्याणकारी सरकार अपने नागरिकों को इस बात का आश्वासन देती है, प्रावधान भी करती है, लेकिन ये भी जरूरी है कि जो घोषणाएं की जायें वो समय पर पूरी हो जायें। उन्होंने कहा कि कुछ यक्ष प्रश्न राजस्थान की जनता के समक्ष है और किसी भी तरीके से मुख्यमंत्री महोदय जब जवाब दें तो सबसे बड़ा प्रश्न है किसानों की सम्पूर्ण कर्जमाफी का, राजस्थान के 59 लाख किसान 99 हजार करोड की कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं, कर्जमाफी नहीं होने से प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई किसान आत्महत्या भी कर चुके हैं। सरकार को सोचना पड़ेगा कि जो सम्पूर्ण किसान कर्जमाफी का जो वादा किया था, उसे चाहे चरणबद्ध रूप से पूरा किया जाये, लेकिन वादा पूरा हो। (एजेंसी, हि.स.)
Share: