इंदौर न्यूज़ (Indore News)

ढाई लाख दो, होटल में ही बियर बनाओ

मेट्रो की तर्ज पर इंदौर-भोपाल में होटल वालों को मिलेंगे माइक्रोब्र्युरी लाइसेंस
ऑनलाइन आवेदन शुरु
इंदौर। दिल्ली (Delhi)-मुंबई (Mumbai) और चेन्नई (Chennai) जैसे मेट्रो शहर (Metro City) की तर्ज पर अब होटल (Hotel) में ही बनी बियर ग्राहकों (Beer Customers) को दी जा सकेगी। इसके लिए प्रदेश के आबकारी विभाग (Excise Department) ने आवेदन पत्र मंगाए हैं। फिलहाल इंदौर और भोपाल जैसे शहरों में ही इसकी अनुमति होगी। इसके लिए ढाई लाख रुपए का वार्षिक लाइसेंस (Annual License) लेना होगा, लेकिन मशीन लगाने के लिए 3 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट करना होगा। वहीं प्लांट (Plant) की जगह और कर्मचारियों को मिलाकर इसकी लागत और बढ़ जाएगी। हालांकि आबकारी व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार की ये पॉलिसी अस्थायी है, जिसमें इन्वेस्टमेंट करने से होटल मालिक (Hotel Owner) डरेंगे।


सरकार (Government) की नई आबकारी नीति (Excise Policy) में भले ही शराब दुकानों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है, लेकिन अंग्रेजी शराब दुकान में देसी और देसी में अंग्रेजी शराब (English Liquor) बिकवाकर सरकार ने आय का नया रास्ता निकाल लिया। नई दुकानें नहीं खोलने के कारण अब आबकारी विभाग कुछ और नई स्कीम लाकर अपने घाटे की भरपाई कर रहा है। इसमें माइक्रोब्र्युरी (Microbrewery) लगाने की स्कीम भी शामिल है। अभी तक इस प्रकार की ब्रेवरी मुंबई, दिल्ली और चेन्नई जैसे शहरों में ही संचालित की जा रही थी, जिससे हाथोहाथ ग्राहकों को बियर बनाकर परोसी जा रही थी। अब इंदौर और भोपाल जैसे शहरों में भी इस प्रकार की माइक्रोब्र्युरी लगाने के लिए आबकारी विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। कल आबकारी विभाग ने इस संबंध में इंदौर और भोपाल के बड़े रेस्टोरेंट और होटल वालों से आवेदन मंगाए हैं। इसमें आवेदन के साथ ढाई लाख रुपए एक साल के लिए लाइसेंस फीस जमा करना होगी और माइक्रोब्रेवरी (Microbrewery) के लिए लाइसेंस मिल जाएगा। 2 मई आवेदन करने की अंतिम तारीख है।

गेहूं और चावल की बियर बना सकेंगे
मशीन में ग्रेन, यानी गेहूं के साथ-साथ चावल से बनने वाली बियर भी बना सकेंगे। इसके लिए उसी तरह रॉ मटेरियल लगेगा ,जो बड़ी ब्रेवरी में लगता है। पूरा प्लांट अलग से स्थापित होगा और बियर बनने के बाद उसकी लाइन सीधे होटल और रेस्टोरेंट के बार में लगाई जाएगी, जहां डिस्पेंसर से बियर निकालकर ग्राहकों को परोसी जाएगी।


इन्वेस्टमेंट कर देंगे, लेकिन स्कीम बंद हो गई तो…?
इंदौर जैसे शहर में अभी डिस्टलरी की बनी हुई बियर सप्लाई की जाती है। नई स्कीम आने से होटल में ही बियर बनने लगेगी। हालांकि इस पर आबकारी विभाग का नियंत्रण रहेगा। शहर की बड़ी होटलों में इस प्रकार की माइक्रोब्र्युरी (Microbrewery) लग सकती है, लेकिन डर इस बात का है कि लगातार प्रदेश में शराबबंदी को लेकर मांग उठती रही है और 3 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट करने के बाद सरकार ने अगले साल ही नीति में परिवर्तन कर दिया या यह स्कीम बंद कर दी तो इन्वेस्टमेंट बेकार जाएगा। इसको लेकर भी पसोपेश की स्थिति है।

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