नई दिल्ली। लोखड़ौन के दौरान सबसे भरी असर सोने पर देखा गया। लेकिन अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के भाषण के बाद सोने की कीमतों में भारी गिरावट देखि गयी। फेडरल रिजर्व के पॉजिटिव सकारात्मक रुख में महंगाई से निपटने और नौकरियों बढ़ाने पर जोर देने का असर बाजार में देखा गया। इसीलिएसोने के दाम 2 फीसदी से ज्यादा लुढ़क गए। इसी के चलते भारतीय बाजारों में सोने की कीमतें भरी तौर से गिर सकती हैं।
7 अगस्त को सोने की कीमतों ने घरेलू बाजार में 56200 रुपये प्रति दस ग्राम का सबसे उच्चतम स्तर छुआ था। इसके बाद कीमतों में लगातार गिरावट आ रही है।
आपको बता दें कि गुरुवार को 10 ग्राम सोने का भाव 52,508 रुपये के स्तर पर पहुंच गया था। इसके पहले बुधवार को यह 51,765 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। सर्राफा बाजार में चांदी के भाव में 3,615 रुपये प्रति किलोग्राम की रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली, जिसके बाद चांदी के दाम बढ़कर 68,492 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गए।
सस्ते में सोना खरीदने का जल्द मिलने वाला है ऑफर। सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2020-21 फिर लाने वाली है। यह स्कीम 31 अगस्त को खुलेगी. इसमें निवेश लंबे समय में फायदा देगा. इससे पहले 3 अगस्त को खुली स्कीम में RBI ने ऑफर प्राइस 5,334 रुपये प्रति 10 ग्राम तय किया था।
Share: