नई दिल्ली। कोरोना (Corona) संक्रमण काल में सोने के आयात (Gold import ) में गिरावट (decreased ) दर्ज की गई है। इस एक साल के दौरान सोने की कीमत ने रिकॉर्ड तेजी भी दर्ज की तो बाद में इसके दाम तेजी ले लुढ़क भी गए। कोरोना संक्रमण काल की एक साल की अवधि में सोने की कीमत में गिरावट ऐसे वक्त पर नजर आ रही है, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार से भी सोने के आयात में गिरावट हुई है।
सोने की इस चाल ने बाजार के विश्लेषकों को भी हैरान कर दिया है। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 2020-21 के शुरुआती 11 महीनों के दौरान सोने का आयात पिछले साल की तुलना में घटकर 26.11 अरब डॉलर का रहा, जबकि इसके पहले 2019-20 के इन 11 महीनों के दौरान 27 अरब डॉलर की लागत से सोने का आयात किया गया था। सोने की आयात में कोई कमी का एक बड़ा असर देश के व्यापार घाटे में एक कमी के रूप में भी नजर आया। आयात में हुई कमी के कारण मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 11 महीने में व्यापार घाटा कम होकर 84.62 अरब डॉलर रह गया, जबकि 2019-20के इन 11 महीनों के दौरान व्यापार घाटा 151.37 अरब डॉलर का रहा था।
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत सोने का सबसे बड़ा खरीदार है। भारतीय कंपनियों द्वारा सोने का आयात मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए किया जाता है। हर साल आभूषण उद्योग के लिए सालाना 800 से 900 टन सोने का आयात किया जाता है। इस साल आयात में कमी हुई है, ऐसे में बाजार की मांग के हिसाब से इसकी कीमत में तेजी बनी रहनी चाहिए थी। यही कारण है कि सोने की कीमत में आई गिरावट ने बाजार के विश्लेषकों को भी हैरान करके रख दिया है।
जानकारों का कहना है कि अगर अर्थव्यवस्था की हालत में सुधार की स्थिति बनी तो अगले वित्त वर्ष में सोने का आयात एक बार फिर तेज हो सकता है। इसकी एक बड़ी वजह इस साल के बजट में ड्यूटी में की गई कमी भी बताई जाती है। ड्यूटी में कमी होने के कारण कारोबारी लीगल रूट से सोना लाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इससे सोने की तस्करी में भी पहले की तुलना में कमी दर्ज की गई है।
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