श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) सरकार ने सोमवार को 112 डॉक्टरों को उनकी ड्यूटी से मुक्त कर दिया। दरअसल वे बिना जानकारी के लंबे समय से अनुपस्थित थे। इसमें मेडिकल ऑफिसर(medical officer), फिजीशियन, सर्जन और स्पेशलिस्ट शामिल हैं। कई साल से वे अपनी ड्यूटी नहीं कर रहे थे। इनमें से कुछ तो 16 साल से अनुपस्थित थे।
प्रशासनिक विभाग और डेयरेक्टर हेल्थ सर्विसेज ने इन सभी डॉक्टरों को समय-समय पर नोटिस भेजे थे। लेकिन डॉक्टर ड्यूटी पर वापस नहीं लौटे और फिर उन्हें सेवामुक्त कर दिया गया। हेल्थ ऐंड मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रटरी मनोज कुमार द्विवेदी ने कहा, ‘सरकारी नियम (‘official Rules) के मुताबिक डॉक्टरों के बारे में पता किया गया। पता लगा कि कई नोटिस देने के बाद भी डॉक्टरों ने अपनी ड्यूटी फिर से नहीं शुरू की है। नियम के मुताबिक उन्हें सेवा मुक्त कर दिया गया।’
नियम यह है कि अगर कोई डॉक्टर पांच साल तक बिना वजह बताए सेवा नहीं देता है तो उसे नौकरी से निकाला जा सकता है। एक दूसरे आदेश में द्विवेदी ने कहा कि न तो डॉक्टरों ने नोटिस का जवाब दिया और न ही नौकरी पर लौटे। ऐसे में यही एक चारा रह गया था। उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर सिविल सर्विस रेग्युलेशन के आर्टिकल 113 और 128 के तहत डॉक्टरों को उक्त तारीख से टर्मिनेट किया जाता है।
इनमें से कम से कम 11 मेडिकल ऑफिसर ऐसे हैं जो कि 2005 से ही अनुपस्थित थे। कुछ डॉक्टर ऐसे भी हैं जिन्होंने साल 2020 से ड्यूटी पर आना छोड़ दिया था।
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