इंदौर। बिजली कंपनी में मेंटेनेंस के नाम पर अलग-अलग क्षेत्र में सुबह-सुबह 3 घंटे बत्ती गुल अभी भी की जा रही है। अधिकारियों की मॉनीटरिंग कमजोर होने से ठीक से मेंटेनेंस नहीं हो रहा और बिजली के तार, खंभे झाड़-पेड़ और हरियाली की चादर ओढ़े हुए नजर आ रहे हैं। इंदौर जैसे बड़े शहर में बीते महीने तेज हवा-आंधी के दौरान 24 से 30 घंटे तक कुछ क्षेत्रों में अंधेरा रहा था। इसके बाद मुख्यालय के अधिकारियों ने मेंटेनेंस और चौकस करने का दावा भी किया। इसके लिए रोजाना अलग-अलग फीडर और ट्रांसफार्मर तक पेड़-पौधों की छंटाई का दावा किया गया, लेकिन इंदौर शहर में बिजली कंपनी की ट्री कटिंग हमेशा से कमजोर रही है। अभी भी शहर में सैकड़ों स्थान पर बिजली के तार व खंभों के समीप पेड़-पौधे हैं। कहीं-कहीं तो यह बेल पत्तों की लताएं बिजली के खंभे और तारों तक लकदक है, जो कंपनी के मेंटेनेंस के दावों की पोल खोल रहे हैं।
पेट्रोलिंग नहीं हो रही, कई इंजीनियर तो फोन ही नहीं उठाते
मेंटेनेंस के दौरान बिजली कंपनी का वाहन पेट्रोलिंग करता था। अब यह व्यवस्था नजर नहीं आ रही, इसलिए कर्मचारी अपने विवेक के अनुसार काम कर देते हैं। झोन इंजीनियर मेंटेनेंस की व्यवस्था से नाखुश हैं। वह तो ओवरलोड और बिजली चोर के चालान बनाने और खंभे- ट्रांसफार्मर बदलने में रुचि रखते हैं, जिसमें उनको लाभ होता है। बड़े अधिकारी दफ्तर से निर्देश देने में ही लगे हुए हैं।
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