- धारा सनफ्लावर के नमूने भी लिए, ई-वे बिल की जांच भी वाणिज्यिक कर विभाग से करवाएंगे
इंदौर। जिला प्रशासन (District Administration)ने एक बार फिर जिला प्रशासन ने खाद्य सामग्री पर कार्रवाई शुरू की है। नेपाल (nepal) से आयात किए गए खाद्य तेल तेल (Edible OIL) का मामला सामने आया था, जिसकी जांच-पड़ताल (Investigation) की जा रही है और लगभग 10 लाख रुपए का तेल जब्त भी करवाया। इसी तरह कल भी श्री गुरुनानक ट्रेडर्स जवाहर मार्ग (Nanak Traders Jawahar Marg) से धारा फिल्टर्ड, मूंगफली और सनफ्लॉवर तेल की जांच की गई और यह तेल गुजरात (Gujarat) में बिक्री योग्य पाया गया, लिहाजा नमूने जांच के लिए भिजवाए जा रहे हैं, तो ई-वे बिल की जांच भी वाणिज्यकर विभाग के सहयोग से करवाई जा रही है। पिछले दिनों भी 11 नमूने लिए गए थे, वहीं देवास नाका स्थित वीडीएच डिस्ट्रीब्यूटर से भी सोयाबीन और अन्य तेलों के नमूने लेकर भोपाल स्थित प्रयोगशाला में जांच के लिए भिजवाए गए हैं। उसके पहले मिलावटखोरों (adulterers) के खिलाफ रासुका की कार्रवाई से लेकर फैेक्ट्री जमींदोज करने की भी कार्रवाई प्रशासन द्वारा की गई थी।
अभी पिछले दिनों प्रशासन ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम के साथ पांचाल कम्पाउंड लसुड़िया मोरी स्थित वीएचडी डिस्ट्रीब्यूटर के विभिन्न ब्रांड के खाद्य तेल की जांच की गई। यहां पर नेपाल से आयात खाद्य तेल भी पाया गया, जिसके चलते 16 नमूने लिए गए। कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर ने यह जांच शुरू करवाई, जिसमें राजहंस, अमृत, सिद्धबाबा, कमानी पाम, तिरुपति, नीलकमल, जेमिनी और अन्य ब्रांड के तेल पाए गए और लगभग 10 लाख रुपए का तेल मौके से जब्त भी किया गया। वहीं लेबल पर आयात करने का पूरा पता भी नहीं मिला। वहीं इम्पोर्टर का लाइसेंस नम्बर 12 डिजीट का पाया गया, जबकि एफएसएसएआई नई दिल्ली द्वारा 14 डिजीट का लाइसेंस जारी किया जाता है। लिहाजा इस बात की भी जांच की जा रही है कि कहीं यह लाइसेंस फर्जी तो नहीं है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत इस मामले की भी जांच चल रही है। वहीं कल भी श्री बेड़ेकर को जानकारी मिली कि श्री गुरुनानक ट्रेडर्स जवाहर मार्ग पर भी इसी तरह की गड़बड़ी हो रही है। लिहाजा इस फर्म पर भी छापा डाला गया और यह धारा फिल्टर्ड मूंगफली और धारा सनफ्लॉवर तेल के नमूने जांच के लिए लिए गए। मूंगफली का जो तेल यहां पर मिला, उस पर लिखा था सेल इन गुजरात ओनली, यानी यह तेल सिर्फ गुजरात में ही बिक सकता है। लिहाजा इस तेल की यहां पर उपलब्धता क्यों है, इस संबंध में फर्म के कर्ताधर्ता राजेश लालवानी ने बताया कि उक्त तेल ई-वे बिल से मंगवाया गया हैेे। लिहाजा यहां से जो नमूने लिए गए उनकी जांच भोपाल स्थित प्रयोगशाला में कराई जा रही है। साथ ही ई-वे बिल की भी जांच की जाएगी कि वह किस आधार पर जारी किए गए और असल है अथवा नहीं।
स्वच्छ और शुद्ध हवा परियोजना पर भी काम
निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से स्वच्छ और शुद्ध हवा के लिए परियोजना का संचालन 5 साल तक किया जाएगा। इसके लिए देश में केवल इंदौर शहर का चयन किया गया है, जो कि एक गौरव की बात है। संस्था युएसएआईडी व अन्य मुख्य पार्टनर अंतराष्ट्रीय संस्थाऐं जैसे ईडीएफ व डब्ल्युआरआई के सहयोग से भारत में केवल इंदौर शहर के क्लीन एयर केटलास्ट कार्यक्रम की शुरूआत की गई। कार्यक्रम में इंदौर नगर पालिक निगम व मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से शहर में स्वच्छ व शुद्ध हवा हेतु परियोजना का संचालन 5 वर्ष तक किया जाएगा। इस हेतु निगमायुक्त सुश्री प्रतिभा पाल की अध्यक्षता में कार्यक्रम के संचालन व रूपरेखा पर क्लीन एंयर केटलास्ट टीम के साथ चर्चा की गई व सोर्स अवेरनेस स्टडी व अन्य इंटरवेंशन पर चर्चा की गई। कार्यक्रम के चरण 1 में सोर्स अवेयरनेस स्टडी के लिये 1.2 करोड की मॉनिटरिंग इक्वीमेंट लगाया जाएगा, परियोजना में अन्य हस्तक्षेप के लिये अन्य अंतराष्ट्रीय संस्था भी अगले चरण में परियोजना में भाग लेगी। बेठक में अपर आयुकत श्री संदीप सोनी, अधीक्षण यंत्री श्री महेश शर्मा, अन्य अधिकारी, कौशिक हजारिका परियोजना मैनेजर, ईडीएफ, भवय शर्मा परियोजना मैनेजर, परियोजना अधिकारी सुश्री मेघा नामदेव दुबे व अन्य उपस्थित थे।