मुंबई: साल 1990 में आई फिल्म ‘आशिकी’(Aashiqui) की सफलता की कहानी सिनेप्रेमियों को बताने की शायद जरूरत नहीं. महेश भट्ट (Mahesh Bhatt) के निर्देशन में बनी इस संगीतममय फिल्म ने छप्पर फाड़ कमाई की थी. इतना ही नहीं नए-नवेले एक्टर्स राहुल रॉय (Rajul Roy) और अनु अग्रवाल रातों-रात स्टार बन गए थे. आज इस फिल्म की मेकिंग का दिलचस्प किस्सा बताते हैं.
90 के दशक के दर्शक आज भी ‘आशिकी’ की कहानी भूले नहीं हैं. ये फिल्म नदीम-श्रवण के संगीत के लिए जानी जाती है. इस फिल्म ने जहां कुमार सानू की गायिकी और टी-सीरीज को सफलता की ऊंचाई पर पहुंचा दिया तो वहीं महेश भट्ट के सौतेले भाई रॉबिन भट्ट को राइटर बना दिया.
पहले बना गाना, फिर बनी ‘आशिकी’ की कहानी
रॉबिन भट्ट ने दैनिक भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि महेश भट्ट ने जब अपना काम शुरू किया तो मुझसे कहा कि हमें प्रोडक्शन संभालने के लिए घर का आदमी चाहिए, तो मैं उनके साथ जुड़ गया. इसके बाद हमने साथ मिलकर ‘कब्जा’, ‘जुर्म’ जैसी फिल्में बनाई. इसी दौरान रॉबिन ने फिल्म ‘आशिकी’ से जुड़ा किस्सा शेयर किया था. रॉबिन ने बताया था कि ‘एक दिन गुलशन कुमार ने मुझे और महेश भट्ट को अपने ऑफिस में बुलाया. जब हम पहुंचें तो कहा ये कैसेट लो, इसमें 11 गाने हैं, मुझे इन गानों पर एक लव स्टोरी चाहिए’.
घबरा गए थे रॉबिन भट्ट
रॉबिन ने आगे बताया कि ‘महेश भट्ट ने मना कर दिया, लेकिन मैं जानता था कि मेरे पास अगले 6 महीने तक कोई काम नहीं है. मैंने उन्हें मनाया और किसी तरह हां करवा दिया. वहां से आने के बाद कहने लगे कि ‘तुम ये कैसेट सुनो और देखो क्या हो सकता है, तुमने ही हां की है’. फिल्म की कहानी भी ऐसी होनी चाहिए कि कहीं से गानों को न तो डॉमिनेट करे और न कमजोर हो. इससे पहले मैंने कभी कहानी लिखी नहीं थी. समझ ही नहीं आ रहा था कि कहां से शुरू करूं?’
‘आशिकी’ की सफलता ने बना दिया सुपरहिट राइटर
आगे बताया था कि ‘महेश भट्ट के पास आकाश खुराना नाम के एक बहुत पढ़े लिखे और समझदार व्यक्ति आया करते थे, मैंने उन्हें मनाया कि वह फिल्म लिखने में मेरी मदद करें. वह मान भी गए, इस तरह से मैंने पहली फिल्म ‘आशिकी’ लिखी. मुझे बतौर राइटर पहचान देने वाली फिल्म थी. इसके बाद तो हमारे पास प्रोड्यूसर्स की लाइन लग गई. ‘साथी’, ‘सड़क’, ‘दिल है कि मानता नहीं’, सब एक के बाद हिट फिल्म.