भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

गुनाकांड: भोपाल में पुलिस और वनमहकमा हुआ अधिक सख्त जंगलों में बढ़ी गश्त, पुराने शिकारी किए जा रहे सूचीबद्ध

  • पुलिस भी रख रही शिकारियों पर नजरें, देहात इलाके में की जा रही अधिक निगरानी

भोपाल। गुना में शिकारियों द्वारा तीन पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या करने की घटना के बाद भोपाल वन मंडल ने भी शिकारियों के खिलाफ नए सिरे से एक्शन प्लान तैयार किया है। कई बीटों में गश्त को बढ़ा दिया गया है। पुराने शिकारियों को सूचीबद्ध किया जा रहा है। कहीं भी शिकार के बाद अवशेश मिलने पर लिस्टेड शिकारियों से तजदीक की जाएगी। वहीं पुलिस भी शिकार कांड में जेल जा चुके शिकारियों की निगरानी करा रही है। भोपाल देहात क्षेत्र में शिकारियों के लिए मुखबिर तंत्र को तैयार कर दिया गया है।


डीएफओ आलोक पाठक ने बताया कि भोपाल वनमंडल में आने वाले तमाम जंगलों की निगरानी बड़ा दी गई है। यहां गश्ती दलों को अधिक सक्रीय रहने के लिए निर्देशित किया गया है। उडऩ दस्ता भी लगातार जंगलों का औचम निरिक्षण कर रहा है। जंगलों में लगे उन सीसीटीवी कैमरों की मरम्मत कराई जा रही है, जो तकनीकी कारणों से खराब अथ्वा बंद पड़े हैं। मुखबिर तंत्र को भी अधिक सक्रीय कर दिया गया है। शिकार के केसो में एक अधिक बार जेल जा चुके शिकारियों को सूचीबद्ध किया जा रहा। वहीं फारेस्ट सूत्रों की माने भोपाल के कई शिकारियों को सूचीबद्ध किया जा चुका है। जिसमें अधिकांश शिकारी भोपाल देहात इलाके और पुराने शहर के रहने वाले हैं। फारेस्ट डिपार्टमेंट को लगातार उनके द्वारा शिकार किए जाने की सूचनाएं मिल रही हैं। इन शिकारियों में मुख्य रूप से मोती मस्जिद के पास रहने वाले एक युवक, सूखी सेवनिया इलाके का एक ढाबा संचालक जहांगीराबाद में रहने वाला एक अपाहिज शिकारी तथा अमीरगंज लोअर ईदगाह हिल्स में रहने वाला युवक शामिल है। वहीं शिकार कांड में बीते तीन साल से अधिक समय से फरार चल रहे फैसल उर्फ बुगदा की एक बार फिर फारेस्ट और पुलिस ने सरगर्मी से तलाश शुरु कर दी है। सौ से अधिक शिकारियों की एक सूची तैयार कर ली गई है। इन तमाम संदेहियों की गुप्त निगरानी कराई जाएगी।

शिकारियों का पसंदीदा अड्डा बना समर्दा
टाईगर मूवमेंट क्षेत्र समर्दा भोपाल के शिकारियों का पसंदीदा अड्डा बन चुका है। सूत्रों की माने तो यहां निचले स्तर के वनकर्मियों की मदद से शिकारी खुलेआम शिकार करते हैं। पूर्व में कई बार यहां जंगली जानवरों के अवशेष मिल चुके हैं। इसके अलावा बिल्किस गंज झागरिया, चिकलौद, राहतगढ़, सिलवानी, गैरतगंज और कोलार के जंगल भी भोपाल के शिकारियों का पसंदीदा अड्डा है। गुनगा के कलारा और आस पास के जंगलों में भी जमकर शिकार किया जा रहा है। गुना कांड के बाद भी भोपाल में शिकारी सक्रीय हैं। अधिकांश शिकारी शिकार गाह के आस पास रहने वाले लोगों के संरक्षण में शिकार खेलते हैं।

इनका कहना है
पुराने शिकारियों पर नजरें रखने के लिए देहात क्षेत्र के तमाम थानों में पदस्थत थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है। पुलिस सूचनाओं के आधार पर लगातार शिकारियों पर कार्रवाई करती है। हाल ही में नजीराबाद में वन कर्मियों पर हमला करने वाले शिकारियों को गिर तार कर जेल भेजा गया है।
किरणलता किरकिट्टा, एसपी देहात क्षेत्र भोपाल

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