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आज से चलेंगें गुरु-बुध सीधी चाल, इन 6 राशि वालों को होगा लाभ, जानें किन्‍हें रहना होगा सावधान

गुरु बृहस्पति (Jupiter) 18 अक्टूबर यानि आज सुबह 11 बजकर 39 मिनट पर मकर राशि में मार्गी हो गए हैं और 20 नवंबर, 2021 यानी कि कुंभ राशि में जाने तक इसी स्थिति में रहेंगे। वहीं बुध (Mercury) इसी दिन रात को 08 बजकर 46 मिनट पर कन्या राशि में मार्गी हो जाएंगे। अपनी स्वराशि कन्या में 22 दिनों तक गोचर करने के बाद बुध 02 नवंबर को मंगलवार की सुबह 09 बजकर 43 मिनट पर तुला राशि में गोचर कर जाएंगे। ज्योतिष (Astrology) में गुरु वैभव, समृद्धि, ज्ञान और विवेक के कारक हैं, वहीं बुध को बुद्धि, तार्किक क्षमता और व्यवसाय का कारक का ग्रहक माना जाता है। ऐसे में दोनों ग्रहों की चाल में हो रहा ये परिवर्तन सभी 12 राशियों के लिए काफी अहम माना जा रहा है।

6 राशियों के लिए शुभ रहेगा ये परिवर्तन
वृषभ राशि (Taurus):
वृषभ राशि के जातकों के लिए दोनों ग्रहों (planets) का ये परिवर्तन शुभ रहेगा। बुध ग्रह इस राशि के पंचम भाव में मार्गी गति शुरू करेंगे और बृहस्पति (Jupiter) आपके नौवें भाव में मार्गी होंगे। पंचम और नौवें भाव को त्रिकोण भाव कहा जाता है, जो कि बहुत शुभ माना जाता है। त्रिकोण भाव से इस राशि के जातकों को शिक्षा के क्षेत्र में इस समय कोई बड़ी उपलब्धि मिल सकती है। पारिवारिक जीवन में भी आपको सुखद अनुभव होंगे, संतान पक्ष से कोई शुभ समाचार मिलने की संभावना है।

कन्या राशि (Virgo):
कन्या राशि के जातकों के लग्न भाव में राशि के स्वामी बुध के मार्गी होने से आपकी मनोदशा सुधरेगी। मन में जो उलझनें थीं, वे भी धीरे-धीरे सुलझने लगेंगी। गुरु आपके पंचम भाव में मार्गी गति करेंगे इसलिए भावनात्मक रूप से भी आपको सशक्त महसूस करेंगे। नौकरी की तलाश करने वाले जातकों को जल्द नया अवसर मिल सकता है। जो लोग खेलों से संबंधित हैं, उनके लिए भी यह समय अच्छा रह सकता है, खासकर शतरंज जैसे दिमागी खेल खलने वाले इस राशि के जातकों को जबरदस्त सफलता मिल सकती है।

वृश्चिक राशि (Scorpius):
इस राशि के जातकों के एकादश भाव में बुध और तृतीय भाव में देव गुरु बृहस्पति मार्गी गति करेंगे। चंद्रमा और शुक्र के साथ बुध और बृहस्पति को भी शुभ ग्रह माना जाता है, इसलिए आपके लाभ भाव यानि एकादश भाव में बुध और पराक्रम के भाव में बृहस्पति का मार्गी होना, आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगा। कारोबार से जुड़े जातकों के लिए ये समय शुभ रहेगा। उन्हें मनचाही सफलता मिलेगी। वहीं कुछ लोग अपने बड़े भाई-बहनों के सहयोग से कोई नया काम शुरू कर सकते हैं।

धनु राशि(Sagittarius):
इस राशि के जातकों की राशि का स्वामी गुरु है और 18 अक्टूबर से ये आपके द्वितीय भाव में मार्गी गति करेंगे। वहीं बुध का मार्गी आपके दशम भाव में होगा। इन दोनों ग्रहों की मार्गी गति के चलते आपको कार्यक्षेत्र और सामाजिक स्तर पर अच्छे फल प्राप्त होंगे। गुरु के द्वितीय भाव में मार्गी होने के चलते आपकी वाणी में मधुरता देखी जाएगी। आपकी बातों से आपके कार्यक्षेत्र के लोग काफी प्रभावित होंगे, इस दौरान कार्यस्थल पर आपके संबंध सभी के साथ बेहतर रहेंगे।


मीन राशि (Pisces):
इस राशि के जातकों के एकादश भाव में गुरु और बुध सप्तम भाव में मार्गी गति करेंगे। इन दोनों ग्रहों की मार्गी गति से इस राशि के कारोबारियों को सबसे अधिक लाभ मिलने की संभावना है। इस दौरान काम करने की आपकी टाइमिंग भी जबरदस्त होगी, जिसके चलते खूब मुनाफा भी आप कमा सकते हैं। मीन राशि के कुछ जातक इस दौरान अपना व्यवसाय शुरू करने का विचार भी बना सकते हैं, हालांकि इसके लिए आपको अनुभवी लोगों की सलाह के बाद ही आगे कदम बढ़ाना चाहिए।

मेष राशि (Aries):
मेष राशि के जातकों की कुंडली में बुध उनके तीसरे व छठे भाव का स्वामी है और यह इस दौरान आपके छठे भाव यानी कि दैनिक आमदनी, कर्ज़ और शत्रु के भाव में मार्गी होगा। वहीं बृहस्पति नौवें और बारहवें भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह उनके दसवें भाव यानी कि कर्म भाव में मार्गी होगा। इस दौरान आपके मन में नई शुरुआत करने और नया अनुभव प्राप्त करने की इच्छा प्रबल हो सकती है। पेशेवर दृष्टिकोण से देखा जाए तो नौकरीपेशा जातकों के लिए यह अवधि औसत रूप से फलदायी रहने की संभावना है। कार्यस्थल पर आपका विकास धीमी गति से हो सकता है।

मिथुन राशि (Gemini):
मिथुन राशि के जातकों की कुंडली में बुध उनके लग्न भाव और चौथे भाव का स्वामी माना जाता है और इस अवधि में बुध उनके चौथे भाव यानी कि माता, भोग-विलास और सुख के भाव में मार्गी होगा। वहीं बृहस्पति आपके सातवें और दसवें भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह उनके आठवें भाव यानी कि व्यवहार में कठोरता, हानि और रहस्य के भाव में मार्गी होगा। इस अवधि में अपने पेशेवर जीवन में हर मुद्दे या सौदे को व्यावहारिक तरीके से निपटाने पर ज़ोर देते नजर आ सकते हैं। व्यावसायिक रूप से देखा जाए तो यह अवधि आपके लिए औसत रूप से फलदायी सिद्ध हो सकती है।

कर्क राशि (Cancer):
कर्क राशि के जातकों की कुंडली में बुध उनके तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी माना जाता है जबकि इस अवधि में यह आपके तीसरे भाव यानी कि पराक्रम, संवाद और भाई-बहनों के भाव में मार्गी होगा। बृहस्पति उनके छठे और नौवें भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह उनके सातवें भाव यानी कि व्यवसाय, विवाह और साझेदारी के भाव में मार्गी होगा। इस अवधि में कर्क राशि के जातकों का मन अनिश्चितता से भरा हुआ रह सकता है। पेशेवर रूप से देखा जाए तो इस दौरान आपका अपनी टीम के सदस्यों और सहकर्मियों से किसी बात पर विवाद हो सकता है जिससे आपकी मानसिक शांति भंग हो सकती है।

सिंह राशि (Leo):
सिंह राशि के जातकों की कुंडली में बुध उनके दूसरे और ग्यारहवें भाव का स्वामी माना जाता है जबकि इस दौरान यह आपके धन, संवाद और संपत्ति के भाव में मार्गी होगा। वहीं बृहस्पति उनके पांचवें और आठवें भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह उनके छठे भाव यानी कि शत्रु, ऋण और रोग के भाव में मार्गी होगा। इस अवधि में सिंह राशि के जातकों के अंदर अपनी आरामदायक ज़िंदगी को पीछे छोड़ कर अपने सपनों को पूरा करने की इच्छा प्रबल हो सकती है। पेशेवर रूप से देखा जाए तो इस दौरान आप अपने पेशेवर जीवन में कुछ विकास देख सकते हैं।

तुला राशि (Libra):
तुला राशि के जातकों की कुंडली में बुध उनके नवम भाव और द्वादश भाव का स्वामी माना जाता है और इस दौरान यह आपके द्वादश भाव यानी कि व्यय, मोक्ष और विदेश में बंदोबस्त के भाव में मार्गी होगा। वहीं बृहस्पति उनके तीसरे और छठे भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह उनके चौथे भाव यानी कि सुख, आराम और माता के भाव में मार्गी होगा। इस अवधि में आपकी रुचि अकेले समय बिताने में ज्यादा रह सकती है और साथ ही इस दौरान आपका झुकाव अध्यात्म की तरफ रह सकता है। वे जातक जो व्यवसायी हैं, उनके लिए यह अवधि अनुकूल रहने की संभावना है क्योंकि उनके द्वारा की गई कड़ी मेहनत सकारात्मक परिणाम लेकर आ सकती है।

मकर राशि (Capricornus):
मकर राशि के जातकों की कुंडली में बुध उनके छठे भाव और नवम भाव का स्वामी माना जाता है और इस दौरान यह आपके नवम भाव यानी कि भाग्य, धर्म और अध्यात्म के भाव में मार्गी होगा। वहीं बृहस्पति उनके तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह अपनी स्वराशि में मार्गी होगा। इस दौरान मकर राशि के जातक अधिक व्यावहारिक रह सकते हैं और किसी भी काम को करने से पहले उस पर दो बार विचार करते नज़र आ सकते हैं। भाग्य का साथ मिल सकता है और उनके संचार कौशल में भी सुधार देखने को मिल सकता है।

कुंभ राशि (Aquarius):
कुंभ राशि के जातकों की कुंडली में बुध को उनके पंचम भाव और अष्टम भाव का स्वामी माना जाता है और इस दौरान यह उनके अष्टम भाव यानी कि अप्रत्याशित लाभ/हानि, पैतृक संपत्ति और रहस्य के भाव में मार्गी हो रहा है। वहीं बृहस्पति उनके दूसरे भाव और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह उनके बारहवें भाव यानी कि व्यय, हानि और आध्यात्मिकता के भाव में मार्गी होगा। बुध की इस स्थिति के दौरान कुंभ राशि के जातकों को अत्यधिक मेहनत के बावजूद मनचाहा फल प्राप्त करने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। व्यक्तिगत जीवन में इस दौरान आपका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर रह सकता है और आप अपने मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए योग और ध्यान जैसे अभ्यासों को अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकते हैं।

नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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