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हवाला रैकेटः रोज तीन करोड़ रुपए निकालता था चीनी नागरिक

  • मणिपुर की लड़की से की थी शादी
  • बंधन बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के अधिकारी करते थे मदद
  • संदिग्ध चीनी नागरिक के 40 बैंक आकउंट का पता चला

नई दिल्ली। चीन के नागरिक द्वारा भारत में रहकर चलाए जा रहे हवाला कारोबार को लेकर कई अहम खुलासे हो रहे हैं। आयकर विभाग की पूछताछ में पता लगा है कि लोउ सांग भारत में अपनी पहचान बदलकर रह रहा था, इतना ही नहीं मणिपुर की एक लड़की से भी शादी कर चुका है। मंगलवार को ही आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी कर करीब 1000 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार का भांडा फोड़ किया था।
आयकर विभाग की छानबीन में सामने आया कि संदिग्ध लोउ सांग, अपनी पहचान बदल कर भारत में रह रहा था। वह चार्ली पैंग बन गया था और खुद को भारतीय नागरिक कहता था। उसके पास भारत का फर्जी पासपोर्ट और आधार कार्ड है, चार्ली ने मणिपुर की लड़की से शादी की। हवाला के जरिए लोउ हर रोज तीन करोड़ रुपये निकालता था, इसमें उसकी मदद बंधन बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के अधिकारी करते थे। चीनी संदिग्ध के पास करीब 40 बैंक अकाउंट हैं। चीन का ‘चार्ली’ कैसे हिंदुस्तान में चला रहा था हवाला का कारोबार, छापेमारी से हुआ खुलासा। आयकर विभाग ने अपनी छापेमारी में बैंक अधिकारियों के यहां भी रेड डाली। ये घोटाला करीब तीन साल से चल रहा था, जिसमें फर्जी कंपनियां बनाई गईं। घोटाले की कुल कीमत एक हजार करोड़ का आंकड़ा पार कर सकती है। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी की ओर से बार-बार पता बदल दिया जाता था, पहले वो दिल्ली के द्वारका में रुका था और फिर डीएलएफ इलाके रह रहा था। इसमें सिर्फ चीनी पैसा ही नहीं बल्कि हांगकांग, अमेरिकी डॉलर का भी घपला किया जा रहा था।
बता दें कि कल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कुछ चीनी नागरिकों और उनके भारतीय सहयोगियों के खिलाफ छापेमारी की थी, जिसमें 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के हवाला ट्रांजेक्शन का पता चला था। खुफिया जानकारी के बाद आयकर विभाग ने दिल्ली-एनसीआर में ताबड़तोड़ छापे मारे थे।
मिल रही जानकारी के मुताबिक शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग हो रही थी। इस रैकेट में कई चीनी नागरिक, उनके भारतीय सहयोगी और बैंक कर्मचारी शामिल थे। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने मंगलवार की शाम को यह जानकारी दी।
21 ठिकानों पर छापेमारी
आयकर विभाग ने दिल्ली, गाजियाबाद और गुरुग्राम के 21 ठिकानों पर छापेमारी को अंजाम दिया है। हालांकि सीबीडीटी ने कंपनियों का नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया है। सीबीडीटी ने कहा कि छापेमारी में हवाला लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग के दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
छापेमारी में मिले अहम सबूत
दरअसल, शुरुआती जांच में 300 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार का पता चला, लेकिन यह आंकड़ा 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। यानी इस जांच में आगे कई बड़े खुलासे होने हैं। आयकर विभाग की जांच में पता चला है कि चीनी नागरिकों के आदेश पर फर्जी कंपनियों के 40 से अधिक बैंक अकाउंट्स में 1000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा कराई गई थी।
सीबीडीटी ने कहा है कि चाइनीज कंपनियों की सब्सिडियरी कंपनियों और संबंधित लोगों ने शेल कंपनियों से भारत में फर्जी बिजनस करने के नाम पर करीब 100 करोड़ का अडवांस लिया है। लेनदेन में हांगकांग और यूएस डॉलर का इस्तेमाल हुआ था।

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