इंदौर न्यूज़ (Indore News)

13 लाख इंदौरियों का बना हेल्थ कार्ड

अब आधार कार्ड नम्बर से ही पता चल जाएगी हेल्थ रिपोर्ट

बटन दबाते ही मिल जाएगी मरीज की बीमारियों की हिस्ट्री

इंदौर। आधार कार्ड (Aadhar Card) नम्बर से ही अब हर नागरिक की हेल्थ रिपोर्ट (Health Reort) सामने आ जाएगी। पुराने दस्तावेजों को संभालने और जांच के बाद ली गई दवाइयों का ब्योरा रखने की जरूरत नहीं होगी। इंदौर के 13 लाख लोगों की स्वास्थ्य विभाग ने आभा आईडी बनाई। अब बाकियों के लिए जिला चिकित्सालय और अस्पतालों में शिविर लगाए जाएंगे।


आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission) के तहत एकीकृत स्वास्थ्य आईडी बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है। आधार कार्ड की तर्ज पर ही अब प्रत्येक व्यक्ति की आभा आईडी बनाई जा रही है, जिसमें आयुष्मान भारत हेल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं। इस कार्ड में जन्म से लेकर मृत्यु तक के डाक्टरों द्वारा किए गए इलाज, दी गई दवाइयां, कराई गई जांचें और मेडिकल हिस्ट्री एक क्लिक पर मिल सकेगी। केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देश के बाद आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता संख्या प्रत्येक व्यक्ति का बनाया जा रहा है और उन्हें आधार कार्ड और मोबाइल नम्बरों से लिंक किया जा रहा है। किसी भी दुर्घटना, चिकित्सा या गंभीर बीमारी के समय सिर्फ आधार नम्बर डालने से ही पूरी मेडिकल हिस्ट्री सामने आ जाएगी। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 को इसकी घोषणा की थी, लेकिन इसके बाद कोरोना की तीनों लहरों के चलते काम अधर में अटका हुआ था। अब एक बार फिर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा काम में तेजी लाई गई है। इंदौर जिले में अब तक 13 लाख लोगों की स्वास्थ्य आईडी बनाई जा चुकी है।

शिविर लगाएंगे, मोबाइल से भी बन सकेगी

स्वास्थ्य विभाग अधिकारी पूर्णिमा गडरिया ने बताया कि यह योजना पहले 6 केंद्रशासित प्रदेशों में लागू की गई थी। इसे अब संपूर्ण भारत में शुरू किया गया है। अब प्रत्येक नागरिक के हेल्थ आईडी कार्ड नि:शुल्क बनाए जा रहे हैं। इंदौर जिले में जिला चिकित्सालय, विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों व ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी क्लिनिकों पर शिविर लगाकर आईडी बनाने का काम किया जा रहा है। आधार कार्ड और मोबाइल नम्बर के माध्यम से आईडी जनरेट की जा रही है। प्रत्येक  व्यक्ति विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर अपनी आभा आईडी बनवा सकता है या खुद मोबाइल फोन के माध्यम से आभा ऐप पर आईडी जनरेट कर सकता है। डाक्टरों के अनुसार इस आईडी के माध्यम से गंभीर बीमारी या दुर्घटना के दौरान पूरी जांच हिस्ट्री डाक्टरों को तुरंत पता चल जाएगी, ताकि सही समय पर सही इलाज मिल सके।

Share:

Next Post

आज फिर मॉकड्रिल का दिखावा

Tue Apr 11 , 2023
इंदौर के डाक्टरों को नहीं प्रैक्टिस की जरूरत पीपीई किट क्यों बर्बाद करें.. मरीज डर  जाएंगे इंदौर। एक तरफ तो स्वास्थ्य विभाग कोरोना (Corona) से सतर्क रहने और लोगों को मास्क लगाने की हिदायत देते फिर रहा है, वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार (Central government) द्वारा डाक्टरों को आपात स्थिति से निपटने के लिए कराई […]