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हरियाणा सरकार में आपसी अनबन के कारण दिन-प्रतिदिन बिगड़ रही हैं स्वास्थ्य सेवाएं : कुमारी सैलजा


चंडीगढ़ । पूर्व केंद्रीय मंत्री (Former Union Minister) कुमारी सैलजा (Kumari Sailja) ने कहा कि हरियाणा सरकार में (In Haryana Government) आपसी अनबन के कारण (Due to Mutual Discord) स्वास्थ्य सेवाएं (Health Services) दिन-प्रतिदिन (Day by Day) बिगड़ रही हैं (Are Deteriorating) । स्वास्थ्य मंत्री की विभाग के प्रति बेरुखी की वजह से इस साल डेंगू से मरने वालों की संख्या ने पांच साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। केंद्र के आदेश के बावजूद चीनी इंफ्लुएंजा से निपटने के लिए भी प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग किसी तरह की तैयारी नहीं कर पाया है।


मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के अंदर वर्चस्व को लेकर अंतर्द्वंद्व चल रहा है। इसलिए ही यहां गठबंधन की सरकार चला रही जजपा ने राजस्थान में जाकर भाजपा के खिलाफ अलग से चुनाव लड़ा। इससे साफ है कि यह गठबंधन सिर्फ और सिर्फ स्वार्थ, मौका परस्ती व प्रदेश के संसाधनों की लूट का है, इसका विकास या फिर जनहित से कोई लेना-देना नहीं है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा के अंदर भी एक-दूसरे के बीच शह व मात का खेल चल रहा है। इसका खुलासा स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा डेढ़ महीने से भी अधिक समय से अपने महकमे को न संभालने से होता है। विज और मुख्यमंत्री के बीच शुरू से ही खींचतान है, यह बात कई बार किसी न किसी रूप में सामने आ चुकी है। अब विज सरेआम आरोप लगा रहे हैं कि सीएमओ की ओर से उनके महकमे में दखल दिया जा रहा है, इसलिए वे महकमे से संबंधित कोई काम नहीं देख रहे।

कुमारी सैलजा ने कहा कि यह सब मुख्यमंत्री के इशारे पर हो रहा है अन्यथा सीएमओ के किसी अधिकारी में इतनी हिम्मत नहीं हो सकती कि वे किसी मंत्री के महकमे में अपने स्तर पर कोई दखलंदाजी कर सकें। इनका मकसद अपनी ही पार्टी के, लेकिन मुख्यमंत्री के विरोधी माने जाने वाले मंत्री को इस कदर परेशान करना है, ताकि वह खुद ही हारकर इस्तीफा दे दे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अनिल विज को भी अपनी स्थिति को लेकर सोचना चाहिए। जब महकमे में उनकी चल नहीं रही, तो फिर वे महज कागजों में ही क्यों डमी स्वास्थ्य मंत्री बने हुए हैं। उन्हें सीएमओ के सामने हार मानते हुए स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा दे देना चाहिए। कुमारी सैलजा ने कहा कि जब डेढ़ महीने से अधिक समय से महकमे के प्रति विज की रूचि ही नहीं है, तो मुख्यमंत्री को भी निर्णायक फैसला लेना चाहिए। उन्हें इस महकमे को छीनकर किसी अन्य को दे देना चाहिए, ताकि लोगों को दवाओं व अन्य जरूरी इलाज के लिए भटकना न होना पड़े।

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