भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सुनी सुनाई : मंगलवार 31 मई 2022

भगवाधारी मंत्री जी बने लव जिहादी के फूफा जी!
मप्र के एक भगवाधारी मंत्री आजकल एक लव जिहादी के फूफा जी के रूप में खूब चर्चित हो रहे हैं। चर्चा है कि संघ व भाजपा ने इसे गंभीरता से लिया है। मंत्री जी के जिले के एक ठेकेदार के मुस्लिम बेटे पर हिन्दू लड़की ने लव जिहाद के गंभीर आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत दर्ज कराई है। लड़की का आरोप है कि मुस्लिम लड़के ने हिन्दू नाम बताकर उसे प्रेम जाल में फंसाया और शादी के लिए धर्म बदलने का दबाव बनाया। इधर इसी मुस्लिम लड़के का निकाह 7 जून को होना है। लड़के के परिजनों ने निकाह के आमंत्रण पत्र पर भगवाधारी मंत्री का नाम फूफा जी के रूप में छापा है। इधर पुलिस लव जिहाद के आरोप में मुस्लिम लड़के की तलाश कर रही है, उधर मुस्लिम लड़का अपने कथित फूफा जी की आड़ लिए हुए हैं। इस मामले को हिन्दूवादी संगठनों ने गंभीरता लेते हुए आन्दोलन शुरु कर दिया है। चर्चा है कि भाजपा व संघ मंत्री जी को तलब कर सकता है।

संजय मसानी कहां से लड़ेंगे!
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय मसानी के बारे में खबर आ रही है कि वे अगला विधानसभा चुनाव कांग्रेस की टिकट पर रायसेन जिले के उदयपुरा से लडऩा चाहते हैं। संजय मसानी पिछले विधानसभा चुनाव के पहले तक भाजपा में थे, लेकिन भाजपा ने टिकट नहीं दी तो उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामकर बालाघाट की वारासिवनी सीट से चुनाव लड़ा था। लेकिन उन्हें 12 हजार वोट भी नहीं मिले थे। कांग्रेस के बागी प्रत्याशी प्रदीप जायसवाल जीते थे और संजय मसानी चौथे नम्बर पर रहे थे। संजय मसानी के उदयपुरा से लडऩे की अटकलों के पीछे वहां किरार मतदाताओं का बाहुल्य होना बताया जा रहा है, लेकिन सवाल यह है कि क्या कांग्रेस अपने मौजूदा विधायक देवेन्द्र पटेल का टिकट काटकर संजय मसानी पर दांव लगाएगी?

कहां गायब हैं अरूणोदय चौबे!
खुरई बीना क्षेत्र के कांग्रेस के दिग्गज नेता, मप्र कांग्रेस के उपाध्यक्ष अरूणोदय चौबे आजकल लापता हैं। उनका मोबाइल भी बंद आ रहा है। चर्चा है कि अपने समर्थकों के दबाव में वे भाजपा ज्वाइन करने वाले हैं। यह भी खबर आई कि मप्र के एक मंत्री के जन्मदिन पर वे भाजपा की सदस्यता लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अरूणोदय चौबे और उनके लगभग 40 समर्थकों के खिलाफ खुरई थाने में एससी एसटी एक्ट सहित अनेक धाराओं में प्रकरण दर्ज है। उनके 17 समर्थक जेल में हैं। बाकी कई महीने से फरार हैं। चौबे समर्थकों और उनके परिजनों का साफ कहना है कि अब उनके पास भाजपा ज्वाइन करने के अलावा कोई चारा नहीं है। भोपाल पहुंची खबरों के अनुसार चौबे ने कांग्रेस छोडऩे और भाजपा में जाने का संदेश कांग्रेस नेतृत्व को पहुंचा दिया है, लेकिन अचानक उनका मोबाइल बंद होने से उनके भाजपा में जाने की खबरों को लेकर भी संशय के बादल छा गये हैं। सभी पूछ रहे हैं कि आखिर चौबे गये कहां?

टीएनसीपी में संविदा नियुक्ति का खेल
मप्र में बिल्डर्स की भाषा में देखा जाए तो टीएनसीपी यानि नगर एवं ग्राम निवेश संचालनालय को मलाईदार विभाग माना जाता है। इस विभाग में आजकल संविदा नियुक्ति के नाम पर बड़े खेल की तैयारी है। विभाग की स्थापना शाखा से एक पत्र जारी किया गया है कि जिसमें सभी संभागीय संयुक्त संचालकों से कहा गया है कि उनके कार्यालय में 62 वर्ष पूरे होने पर रिटायर होने वाले अधिकारी कर्मचारी यदि संविदा नियुक्ति पर काम करना चाहें तो उनसे आवेदन लेकर मुख्यालय भेजे जाएं। यानि विभाग के कुछ अफसरों और कर्मचारियों को तीन तीन साल संविदा रखने की तैयारी है। इस खेल में स्थापना शाखा के जिस अधिकारी को शामिल किया गया है, वह उज्जैन में पदस्थ है। मुखबिर का कहना है कि भोपाल में उनके स्तर के 5 अधिकारी होने के बाद भी उज्जैन में पदस्थ अधिकारी को भोपाल में स्थापना शाखा का अतिरिक्त प्रभार देकर उनसे संविदा संविदा का खेल करवाया जा रहा है।

चुनाव, कवि सम्मेलन और कथा
क्या कोई कवि सम्मेलन या कथा किसी व्यक्ति या पार्टी को चुनाव जिता सकती है? मप्र में कांग्रेस और भाजपा नेताओं को भरोसा हो गया है कि कथा कराने से राजनीति में इसका फल जरूर मिलता है। कवि सम्मेलन के जरिये सरकार के खिलाफ माहौल बनाया जा सकता है। जैसे जैसे मप्र में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं राजनीतिक दल कवि सम्मेलन और कथा के आयोजन में व्यस्त हो गये हैं। कांग्रेस के डॉ. गोविन्द सिंह ने लहार में विशाल भागवत कथा कराई तो वे नेता प्रतिपक्ष बन गये। भाजपा के रमेश मेंदोला ने बागेश्वर महाराज पं. धीरेन्द्र शास्त्री से इंदौर में विशाल रामकथा का आयोजन कराया है। अब कांग्रेस के जीतू पटवारी ने इंदौर में पं. प्रदीप मिश्रा से शिव पुराण कथा कराने की तैयारी शुरू कर दी है। इधर मप्र कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ माहौल बनाने आधा दर्जन कवियों से अनुबंध किया है। भोपाल और होशंगाबाद में यह कवि राज्य सरकार के खिलाफ रचना पाठ कर चुके हैं।

घपले घोटालों का कैंसर अस्पताल
मप्र के जानेमाने पत्रकार स्व. मदनमोहन जोशी ने भोपाल में जवाहरलाल नेहरू कैंसर अस्पताल की स्थापना जिस सपने को लेकर की थी, वह पूरी तरह चूर चूर होता नजर आ रहा है। यह अस्पताल अब समाजसेवा की बजाय कुछ लोगों के लिए कमाई का जरिया बन गया है। स्व. जोशी के साथी पत्रकार रहे पूर्णेन्दु शुक्ला ने इस अस्पताल के घपले घोटाले उजागर करना शुरु किया है। आरोप है कि अस्पताल के कर्ताधर्ता दवा कंपनियों से गरीब मरीजों के नाम पर भारी रियायत पर दवाईयां लेकर उसे प्रिंट दाम पर बेचकर करोड़ों का मुनाफा कमा रहे हैं। चौंकाने वाली जानकारी यह है कि बीते 6 महीने में 20 करोड़ की दवा खरीदी में 8 करोड़ का मुनाफा कमाया गया है। अस्पताल के घपले घोटाले का कच्चा चिठ्ठा शिकायत के रूप में भोपाल संभागायुक्त की टेबल तक पहुंच गया है।

और अंत में….
मप्र भाजपा में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए बने कोर ग्रुप का लंबे समय बाद पुनर्गठन किया गया है। कोर ग्रुप में ग्वालियर चंबल का दबदबा साफ दिखाई दे रहा है। 15 सदस्यीय कोर ग्रुप में 6 सदस्य वीडी शर्मा, नरेन्द्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरोत्तम मिश्रा, जयभान सिंह पवैया और लालसिंह आर्य ग्वालियर चंबल से लिये गये हैं। इस कोर ग्रुप के गठन ने मप्र भाजपा के कई भाजपा नेताओं की राजनीतिक पारी के समापन के संकेत भी दे दिये हैं। उमा भारती, प्रभात झा, जयंत मलैया, कृष्ण मुरारी मोघे, डॉ. गौरीशंकर शेजवार जैसे नेता पार्टी में किनारे कर दिए गये हैं।

 

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