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शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 650 और निफ्टी 200 अंक टूटा


मुंबई। अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों में हुई तेज बिकवाली की वजह से घरेलू शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है। BSE का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स फिलहाल (10:40) 650 अंक गिरकर 37 हजार के अहम स्तर के नीचे फिसल गया है। वहीं, NSE का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 200 अंक की भारी गिरावट के बाद 11 हजार के नीचे आ गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस गिरावट में निवेशकों के 2.80 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं। हालांकि, इस गिरावट से निवेशकों को घबराना नहीं चाहिए, लेकिन नए निवेश से बचने की भी सलाह है।

क्यों आई शेयर बाजार में गिरावट-

एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल ने बताया कि ग्लोबल मार्केट FinCEN खुलासे के बाद से नर्वस नजर आ रहे हैं। साथ ही, ग्लोबल ग्रोथ की चिंताएं बाजार की टेंशन बढ़ा रही हैं। इसीलिए शेयर बाजार में गिरावट आई है। बुधवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी बिकवाली देखने को मिली। अमेरिकी बेंचमार्क इंडेक्स डाओ जोंस 1.92 फीसदी लुढ़क गया। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स में 2.37 फीसदी की भारी गिरावट आई।

भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों ने जमकर बिकवाली की। बीते सत्र के दौरान उन्होंने कैश मार्केट में 3,912.44 करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले। वहीं, इस दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1,629.23 करोड़ रुपये के शेयर खरीदें। 7 हफ्ते के निचले स्तर पर शेयर बाजार-आज बाजार में खुलते ही भारी गिरावट देखने को मिली है। 4 अगस्त के बाद निफ्टी 11,000 के नीचे गया है। बाजार 7 हफ्ते के निचले स्तर पर दिख रहा है। निफ्टी के 50 में से 48 शेयर गिरे हैं।

क्या हुआ बैंकिंग पर खुलासा- FinCEN खुलासे में गुप्त वित्तीय लेनदेन और बैंकिंग से जुड़े राज सामने आए हैं। अमेरिकी नियामक फिनसेन (FinCEN) संदिग्ध गतिविधि रिपोर्ट (SAR) नाम से सीक्रेट दस्तावेज तैयार करता है। इसमें 1999 से 2017 के बीच की 2,121 संदिग्ध गतिविधियों का जिक्र है। इनके जरिए 2.099 ट्रिलियन डॉलर का संदिग्ध लेनदेन हुआ। दरअसल, जब किसी बैंक को किसी लेन-देन पर शक होता है। तो वह इसकी शिकायत फिनसेन (FinCEN) से करता है। छह से ज्यादा बैंकों ने ऐसे लेनदेन पर शक जाहिर करते हुए शिकायत दी थी। इस शिकायत को बहुत गोपनीय रखा जाता है। अकाउंट होल्डर को भी इसकी जानकारी नहीं दी जाती। फिर फिनसेन ने इसकी जानकारी भारतीय एजेंसियों को सौंपी, जिसके बाद कई मामलों की जांच शुरू हुई, जिन संस्थाओं का लेन-देन संदिग्ध पाया गया था वे 2जी घोटाले, अगुस्ता वेस्टलैंड घोटाला, रॉल्स रायस घूस कांड, एयरसेल मैक्सिस केस से जुड़ी थीं।

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