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हाई कोर्ट ने कहा हवन में गाय का घी डालने से होती है बारिश, पंचगव्य से गंभीर बीमारियों का निवारण

नई दिल्ली। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad high-court) के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव (Justice Shekhar Kumar Yadav) ने बीते दिनों कहा था कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। साथ ही इनकी सुरक्षा हिंदुओं के मूलभूत अधिकारों में शामिल किया जाना चहिए। हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि गाय एकमात्र ऐसा जानवर है, जो ऑक्सीजन (Oxygen) लेती और छोड़ती है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी था कहा कि यज्ञ में गाय का घी डालने से बारिश होती है और पंचगव्य से गंभीर बीमारियां भी दूर होती हैं।


कोर्ट ने यह सब तब कहा जब वे अपने सामने आए 59 वर्षीय एक व्यक्ति पर मुकदमे से जुड़े मामले को सुन रहे थे, जिसे इसी साल मार्च 2021 में गौ हत्या (Cow-Killing) के आरोप में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संभल जिले (Sambhal District) से गिरफ्तार किया गया था।आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए जस्टिस शेखर कुमार यादव ने 12 पेज के फैसले में लिखा कि भारत में यज्ञ में दी जाने वाली आहुति में गाय के दूध से बने घी का उपयोग करने की परंपरा है। जिससे उठने वाला धुआँ सूर्य की किरणों को विशेष ऊर्जा देता है, जो अंततः बारिश का कारण बनता है। गायों के महत्व को लेकर जज जस्टिस यादव ने आगे कहा कि गाय के दूध, दही, घी, मूत्र और गोबर (Milk, curd, ghee, urine, dung) से बना पंचगव्य कई रोगों के उपचार में मदद करता है। आर्य समाज (Aary Samaj) के संस्थापक दयानंद सरस्वती (Founder Dayanand Saraswati) का हवाला देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि एक गाय अपने जीवनकाल में 400 से अधिक मनुष्यों के भोजन में योगदान करती है मगर उसके मांस से सिर्फ 80 लोगों को पेट भर सकता है। साथ ही कहा कि ईसा मसीह (Jesus Christ) ने कहा है कि गाय या बैल को मारना इंसान को मारने जैसा है।

साथ ही, उन्होंने अपने फैसले में लिखा कि गायें भारत की संस्कृति का अहम हिस्सा हैं और गाय के गोमांस का सेवन किसी भी व्यक्ति का मौलिक अधिकार नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि संसद को गाय को राष्ट्रीय पशु (National Animal) बनाने के लिए एक कानून लाना चाहिए और उन लोगों के खिलाफ सख्त कानून बनाना चाहिए जो गायों को नुकसान पहुंचाने की बात करते हैं। जीवन का अधिकार मारने के अधिकार से ऊपर है। साथ ही जस्टिस यादव ने कहा कि वेद और महाभारत (Mahabharat) जैसे भारत के प्राचीन ग्रंथों में गाय को महत्वपूर्ण रूप में दिखाया गया है। यही भारत की उस संस्कृति के प्रतीक हैं, जिसके लिए भारत जाना जाता है। जो गाय की पूजा करते हैं और आर्थिक रूप से गायों पर निर्भर हैं, उनहें भी सार्थक जीवन जीने का अधिकार है।

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