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हिंदुत्व vs IS विवाद: Azad ने की ‘बुक बम’ डिफ्यूज करने की कोशिश, BJP को मिला यूपी चुनाव के लिए ‘बारूद’

नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) की किताब पर बवाल अभी खत्म होता नहीं दिख रहा है। इस किताब को लेकर एक बार फिर कांग्रेस के भीतर मतभेद (
differences within Congress) सामने आते दिख रहे हैं। गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने एक वक्तव्य जारी कर हिंदुत्व और आईएसआईएस (Hindutva and ISIS) के बीच खुर्शीद की तुलना से असहमति जाहिर की है। आजाद ने कहा, ‘हिंदुत्व की जिहादी इस्लाम से तुलना करना गलत है। हम भले ही एक राजनीतिक विचारधारा के तौर पर हिंदुत्व से सहमत न हों लेकिन उसे आईएसआईएस और जिहादी इस्लाम से जोड़ना तथ्यात्मक रूप से गलत और अतिश्योक्ति है।’

खुर्शीद की किताब पर कांग्रेस भी बयान देने से बच रही है लेकिन यह भी कहा गया है कि किसी लेखक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. लेकिन किताब के विचारों को लेकर पार्टी के भीतर असहजता साफ दिखने लगी है क्योंकि कांग्रेस ने कहा है कि खुर्शीद के विचार पार्टी की आधिकारिक लाइन नहीं हैं।


यूपी में कांग्रेस की रणनीति को लग सकता है धक्का!
खुर्शीद की किताब पर गुलाम नबी आजाद के बयान को अच्छे तरीके से समझा जा सकता है। दरअसल आजाद एक वक्त में यूपी कांग्रेस के प्रभारी रह चुके हैं. वो जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के चुनाव में जातीय और धार्मिक गणित का कितना महत्व है. जब विधानसभा चुनाव में राम मंदिर और अयोध्या चुनावी मुद्दा बन जा रहे हैं तब यूपी कांग्रेस की इनचार्ज प्रियंका गांधी ने भी किसी विवाद से बचने के लिए विकास और जनहित को मुख्य मुद्दा बनाया है।

यही कारण है कि वो अपनी संकल्प यात्रा में जनता से जुड़े मुद्दों जैसे महिला अधिकार, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और एजुकेशन जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। लेकिन इसके बावजूद वो मजबूत धार्मिक फैक्टर से किनारा नहीं कर पा रही हैं। यही कारण है कि उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर की यात्रा की और दुर्गा स्तुति भी की. इसके जरिए प्रियंका ने यह दिखाने का प्रयास किया कि कांग्रेस हिंदुओं की पार्टी है और अल्पसंख्यक तुष्टिकरण नहीं करती।

खुर्शीद की किताब से हो सकता नुकसान
लेकिन अब खुर्शीद की किताब कांग्रेस को नुकसान कर सकती है क्योंकि ये धार्मिक ध्रुवीकरण के फ्रेम में फिट बैठती है। बीजेपी ने इस मुद्दे को तुरंत उठा भी लिया है और प्रेस कांफ्रेंस भी कर दी। बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया है। भाटिया ने सोनिया गांधी से माफी मांगने की भी अपील की है। ये मामला प्रियंका गांधी के लिए और ज्यादा मुश्किल पैदा करने वाला है क्योंकि वो जानती हैं कि चुनावी खेल में बहुत संभलकर चलना है जिससे पार्टी को राज्य में फिर से खड़ा किया जा सके।

प्रियंका की रणनीति कमेटी का हिस्सा हैं खुर्शीद, इसीलिए मुश्किल भी बड़ी
खुर्शीद प्रियंका गांधी की रणनीति कमेटी का हिस्सा हैं। इसलिए उनके विचारों को सीधे तौर पर खारिज भी नहीं किया जा सकता है। निश्चित तौर पर ये मुद्दा कांग्रेस की तरफ पटलकर आएगा क्योंकि बीजेपी जल्द ही चुनाव प्रचार शुरू करने वाली है। इस मामले पर वक्तव्य के लिए आजाद को भी ध्यानपूर्वक चुना गया है क्योंकि वो भी अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।

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