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भाई दूज का विशेष पर्व आज, जानें भाई-बहन के त्‍यौहार का महत्‍व

आज होली के दूसरे दिन भाई-बहनों का विशेष पर्व भाई दूज (Holi Bhai Dooj ) का त्योहार के रूप में मनाया जाता है । बहनों ने भाई की कलाई पर तिलक लगाकर रक्षा सूत्र बांधा तो भाइयों ने भी बहनों की रक्षा का वचन दिया। हालांकि, दिवाली के बाद आने वाली भाई दूज की अधिक महिमा होती है। इसके अलावा चैत्र के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज (Holi Bhai Dooj 2021) का पर्व मनाया जा रहा है।

पौराणिक मान्यताओं (Mythological beliefs) के अनुसार, भाई दूज के दिन जब बहनें भाई को तिलक लगाती हैं तो भाई के जीवन पर आने वाले हर प्रकार के संकट से मुक्ति मिल जाती है और उसके जीवन में सुख समृद्धि और खुशियां आती है। इस त्योहार पर हम लेकर आए हैं आपके लिए होली भाई दूज की कथा।

होली भाई दूज पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक नगर में एक बुढ़िया रहा करती थी। उसके एक पुत्र और एक पुत्री थी। बुढ़िया ने अपनी पुत्री की शादी कर दी थी। एक बार होली के बाद भाई ने अपनी मां से अपनी बहन के यहां जाकर तिलक कराने का आग्रह किया तो बुढ़िया ने अपने बेटे को जाने की इजाजत दे दी। बुढ़िया का बेटा एक जंगल से गया जहां उसे एक नदी मिली उस नदी ने बोला में तेरा काल हूं और मैं तेरी जान लूंगी। इस पर बुढ़िया का बेटा बोला पहले मैं अपनी बहन से तिलक करा लूं फिर मेरे प्राण हर लेना।


इसके बाद वह आगे बढ़ा जहां उसे एक शेर मिला बुढ़िया के बेटे ने शेर से भी यही कहा। इसके बाद उसे एक सांप मिलता है उसने सांप से भी यही कहा। जिसके बाद वह अपनी बहन के घर पहुंचता है। उस समय उसकी बहन सूत काट रही होती है और जब वह उसे उसका भाई पुकारता है तो वह उसकी आवाज को अनसुना कर देती है।लेकिन जब भाई दुबारा आवाज लगाता है तो उसकी बहन बाहर आ जाती है। इसके बाद उसका भाई तिलक कराकर चल दुखी मन से चल देता है। इस पर बहन उसके दुख का कारण पूछती और भाई उसे सब बता देता है।

उस बुढ़िया की लड़की कहती है कि रूको भाई मैं पानी पीकर आती हूं और वह एक तालाब (pond) के पास जाती है जहां उसे एक बुढ़िया मिलती है और वह उस बुढ़िया से अपनी इस समस्या का समाधान पूछती है। इस पर बुढ़िया कहती है यह तेरे ही पिछले जन्मों का कर्म है जो तेरे भाई को भुगतना पड़ रहा है। अगर तू अपने भाई को बचाना चाहती है तो उसकी शादी होने तक वह हर विपदा को टाल दे तो तेरा भाई बच सकता है।

इसके बाद वह अपने भाई के पास जाती है और कहती है कि मैं तुझे घर छोड़ने के लिए चलूंगी और वह शेर के लिए मांस, सांप के लिए दूध और नदी के लिए ओढ़नी लाती है। इसके बाद दोनों आगे बढ़ते हैं रास्ते में उन्हें पहले शेर मिलता है। उसकी बहन शेर के आगे मांस डाल देती है। उसके बाद आगे उन्हें सांप मिलता है। जिसके बाद उस बुढ़िया की लड़की उसे दूध दे देती है और अंत में उन्हें नदी मिलती है। जिस पर वह ओढ़नी डाल देती है। इस तरह से वह बहन अपने भाई को बचा लेती है ।

नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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