संगठन से जुड़े पदाधिकारियों को नहीं मिलती तवज्जो, कई बार बैठकों में सामने आ चुका है गुस्सा
इन्दौर। चुनाव (Election) नजदीक आते ही अब माननीयों को कार्यकर्ताओं (workers) और पदाधिकारियों (office bearers) को याद करने को कहा गया है। संगठन (organization) ने सभी मंत्रियों (ministers) से कहा है कि वे अपने और अपने प्रभार वाले क्षेत्र में सीधे जाकर संवाद स्थापित करें। हालांकि कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की हमेशा से शिकायत रही है कि जनप्रतिनिधि उन्हें तवज्जो नहीं देते हैं और हमेशा अपने समर्थकों (supporters) से घिरे रहते हैं।
भोपाल (Bhopal) में सभी मंत्रियों की संगठन के पदाधिकारियों ने बैठक ली। पहले संयुक्त और बाद में वन टू वन चर्चा (one to one discussion) में संगठन के राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधरराव ने मंत्रियों को चुनाव के मद्देनजर अपने परफार्मेंस को लेकर कुछ हिदायतें भी दीं। सूत्रों के अनुसार संगठन ने अपने स्तर पर मंत्रियों के कामकाजों की रिपोर्ट तैयार की थी और उसी के आधार पर उनसे बात की। मंत्रियों से भी बात की गई कि उनके और उनके प्रभार वाले क्षेत्र में सत्ता और संगठन में कितना सामंजस्य हैं? हालांकि सभी ने हां में ही सिर हिलाया, लेकिन संगठन ने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से लगातार संवाद करने की हिदायत मंत्रियों को दी है। अधिकांश मंत्रियों के बारे में खबर मिली थी कि वे अपने समर्थकों को ही तवज्जो देते हैं और कार्यकर्ताओं को पूछते नहीं, जिससे आम लोगों में भी गलत संदेश जाता है। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी मौजूद थे। जिस तरह से संगठन से जो फीडबैक आया है, उसने शीर्ष नेतृत्व को सोचने पर मजबूर कर दिया है और केन्द्रीय नेतृत्व से जो संकेत मिले हैं, उससे मध्यप्रदेश में गुजरात फार्मूला पूरी तरह से लागू करने की चर्चा है और संगठन अभी जिस तरह से कसावट कर रहा है, यह उसी का परिणाम है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved