उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

गोयला खुर्द में हाउसिंग बोर्ड ने भवन बनाने का काम रोका

  • हाईकोर्ट में दायर याचिका के बाद अगली सुनवाई तक रहेगी यथा स्थिति
  • शिवांगी परिसर में विभाग बना रहा था 100 से अधिक मकान

उज्जैन। इंदौर रोड पर गोयला खुर्द में 2.8 हैक्टेयर जमीन पर मप्र हाउसिंग बोर्ड की शिवांगी परिसर इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने बनाई जा रही है। यहां ृ100 से अधिक मकान बनाने की योजना है। करीब 8 माह में काम पूरा करने का टारगेट था, लेकिन भूमि को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका के बाद अगली सुनवाई तक यहां काम रोक दिया गया है।



उल्लेखनीय है कि मप्र गृह निर्माण मंडल द्वारा इंदौर रोड पर शिवांगी परिसर में 100 से ज्यादा मकानों का निर्माण शिवांगी परिसर में कराया जा रहा था। अधिकारियों के अनुसार योजना को रेरा से अनुमति मिलने के बाद यहां निर्माण कार्य शुरु कर दिया गया था और करीब 27 मकान ठेकेदार ने बना भी दिए है। शेष मकानों के लिए काम अभी शुरुआती दौर में था। यहां फ्रीहोल्ड मिलने वाले मकानों की कीमत 16 से लेकर 62 लाख रुपए तक रखी गई है। विभाग ने दावा किया था कि मकानों की बुकिंग होने के बाद 2024 तक लोगों को उनके घर आवंटित कर दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि हाउसिंग बोर्ड की शिवांगी परिसर इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने गोयलाखुर्द की 2.8 हैक्टेयर जमीन पर विकसित की जा रही है। प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी निर्मल गुप्ता ने बताया कि यहां पर एलआइजी, एमआइजी व डब्ल्यूएस श्रेणी के 138 मकान बनाने की योजना है। हाउसिंग बोर्ड को कॉलोनी निर्माण के लिए ग्राम एवं नगर निवेश (टीएनसीपी) व नगर निगम से पहले ही अनुमति मिल गई है। वहीं शासन परिसर विकसित करने के लिए 41 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति भी हो चुकी है। विभाग ने रेरा से पंजीयन के लिए आवेदन किया था, इसकी (पी-उज्जैन-23-3894) स्वीकृति भी मिल गई थी। इसके बाद विभाग ने मकानों की बुकिंग के लिए विज्ञापन भी जारी कर दिया था। यहां मकानों का आवंटन पंजीयन के माध्यम से यानी लॉटरी द्वारा किया जाना सुनिश्चित किया गया है।

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मिली थी जमीन, अब फिर काम रोका
गोयलाखुर्द में शिवांगी परिसर प्रोजेक्ट का काम देख रहे हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी निर्मल गुप्ता ने बताया कि उक्त जमीन लंबे समय तक कोर्ट केस के बाद विभाग को मिली थी। इंदौर रोड पर 2.8 हैक्टेयर की जिस जमीन पर कॉलोनी बनाई जा रही है व 4.19 हेक्टेयर उस जमीन का हिस्सा है । जिसका आवंटन 18 साल पहले 96 लाख रुपये लेकर राजस्व विभाग ने हाउसिंग बोर्ड को दिया था। कम मुआवजा को लेकर भूस्वामियों ने हाईकोर्ट, फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। कुछ साल पहले इस जमीन का फैसला बोर्ड के पक्ष में आया। इससे पहले 0.61 हैक्टे. जमीन पर कब्जा लेकर बोर्ड ने 33 मकान बनाकर लोगों को आवंटित किए थे। शेष 3.58 हैक्टेयर जमीन अटकी पड़ी थी। इसमें से 2.8 हैक्टे. पर शिवांगी परिसर तो शेष जमीन पर व्यवसायिक निर्माण किए जाने की प्लानिंग है। श्री गुप्ता ने बताया कि हाईकोर्ट में भूमि स्वामियों द्वारा फिर से दायर याचिका के बाद अगली सुनवाई तक शिवांगी परिसर में निर्माण कार्य रोक दिया गया है तथा माननीय कोर्ट के आदेश के मुताबिक यथा स्थिति रखी जा रही है।

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