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किसान आंदोलन के बीच बिना अध्यक्ष और दफ्तर कैसे काम कर रही है किसान कांग्रेस?

नई दिल्ली: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) हर रोज़ किसानों (Farmers) और उनके आंदोलन (protest) के समर्थन में ट्वीट (Tweet) करते हैं. राहुल गांधी ने ट्रैक्टर चलाया, पंजाब (Punjab) में यात्रा की. प्रियंका गांधी ने किसान पंचायत (Kisan Panchayat) की लेकिन किसान कांग्रेस के लिए पार्टी के पास न तो दफ्तर है और न ही अध्यक्ष. ऐसे में कांग्रेस की किसानों के हित में लड़ाई लड़ने के दावों पर गंभीर सवाल खड़ा हो रहा है.

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन और प्रदर्शन में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. किसानों के समर्थन में राहुल ट्रैक्टर चला चुके हैं तो प्रियंका किसान पंचायत कर चुकी हैं, लेकिन क्या वाकई किसानों को लेकर कांग्रेस संजीदा है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि नाना पटोले के किसान कांग्रेस का अध्यक्ष पद छोड़े 2 साल का वक़्त हो गया है लेकिन आज तक नया अध्यक्ष नहीं चुना जा सका है.

यही नहीं किसान कांग्रेस को 24 अकबर रोड में एक दफ्तर तक नसीब नहीं है जो कि कुछ महीने पहले तक हुआ करता था. इस कमरे में नाना पटोले अध्यक्ष के रूप में बैठा करते थे. उनके महाराष्ट्र जाने के बाद भी किसान कांग्रेस का कमरा था लेकिन बाद में इतने सचिव और महासचिव बना दिए गए कि उनके लिए कमरे कम पड़ गए. बाकी लोगों को कमरा देने के लिए किसान कांग्रेस के कमरे की कुर्बानी ले ली गई.


इन प्रदर्शनों की अगुवाई करने वाले किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल से दो टूक कह दिया है कि या तो उन्हें अध्यक्ष बनाए जाए या फिर उनके लिए काम करना मुश्किल हो जाएगा.फिलहाल वे अपने पिता के देहांत के बाद पालम 360 खाप के अध्यक्ष का काम देख रहे हैं और पार्टी का काम नहीं देख रहे.इस सवाल पर पार्टी के महासचिव तारिक़ अनवर कहते हैं कि नए अध्यक्ष के नाम पर चर्चा ज़ारी है और जल्दी ही नया अध्यक्ष चुन लिया जाएगा.

सिर्फ किसान कांग्रेस ही नहीं बल्कि पार्टी के मीडिया डिपार्टमेंट सहित कई अन्य विभाग भी पूर्णकालिक अध्यक्ष के इंतज़ार में हैं. मीडिया विभाग के अध्यक्ष रणदीप सुरजेवाला भी महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी बनाए जाने के बाद सोनिया गांधी के सामने अपना विकल्प ढूंढने की मांग कर चुके हैं लेकिन साल गुजर जाने के बाद भी उनकी जगह कोई और नहीं चुना जा सका है. सवाल ये है कि 2024 के जंग की तैयारी कर रहे राहुल गांधी आधी अधूरी सेना के साथ मोदी का मुकाबला कैसे कर पाएंगे?

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