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‘मां-बहनें नहीं पढ़ सकतीं तो मुझे नहीं चाहिए ये उपाधियां’, प्रोफेसर ने लाइव शो में फाड़ी डिग्री

नई दिल्ली। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार द्वारा महिलाओं की कॉलेजों में पढ़ाई पर रोक लगाने से शिक्षक समुदाय में भारी आक्रोश है। इसकी झलक अफगानिस्तान के एक लाइव टीवी शो में भी देखने को मिली। शो में एंकर के साथ इस विषय पर चर्चा कर रहे काबुल यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर इतने आगबबूला हो गए कि उन्होंने अपनी डिग्रियों को फाड़ डाला। प्रोफेसर ने कहा कि यदि मेरी माताएं और बहनें नहीं पढ़ सकें तो उन्हें इस शिक्षा की कोई जरूरत नहीं है।

अफगान प्रोफेसर द्वारा लाइव शो में डिग्रियां फाड़ने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वे चर्चा के दौरान चौंकाते हुए एक-एक कर अपने सारे डिग्री डिप्लोमा व सर्टिफिकेट निकालते हैं और उन्हें सरेआम फाड़ देते हैं। यह वीडियो शबनम नसीमी ने ट्विटर पर साझा किया है। शबनम अफगान के पुनर्वास और शरणार्थी मामलों के मंत्री की पूर्व सलाहकार हैं। नसीमी अभी अफगानिस्तान के कंजर्वेटिव फ्रेंड्स समूह के कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। यह समूह यूनाइटेड किंगडम में अफगानिस्तान के प्रति समझ और समर्थन जुटाने के लिए काम करता है।

लाइव शो में प्रोफेसर ने कहा, ‘आज से मुझे इन डिप्लोमा और डिग्रियों की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस देश में शिक्षा के लिए कोई जगह नहीं है। अगर मेरी बहन और मेरी मां पढ़ नहीं सकती हैं, तो मैं इस शिक्षा को स्वीकार नहीं करता।’


तालिबान ने महिलाओं पर लगाई कई पाबंदियां
पिछले साल अगस्त में तालिबान ने अमेरिकी सेना की वापसी के बाद अफगानिस्तान पर फिर से कब्जा कर लिया है। सत्ता पर कब्जा करने के तुरंत बाद तालिबान नेताओं ने एक उदार शासन का वादा किया था। हालांकि, तालिबान सरकार के कामों में उदारता नजर नहीं आ रही। उन्होंने महिलाओं पर शिक्षा समेत तमाम पाबंदियां लगाई हैं।

कॉलेजों में पढ़ाई पर लगाई रोक
पिछले हफ्ते तालिबान सरकार ने पूरे अफगानिस्तान में महिलाओं की कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में पढ़ाई पर प्रतिबंध लगा दिया। इसकी व्यापक आलोचना हो रही है। तालिबान सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री नेदा मोहम्मद नदीम ने सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर कहा, ‘आप सभी को सूचित किया जाता है कि अगली सूचना तक लड़कियों की शिक्षा निलंबित करने के आदेश को तुरंत लागू करें।’
इससे पहले महिलाओं के लिए कॉलेजों में आवाजाही के अलग दरवाजे, कक्षाओं में बुजुर्ग प्रोफेसरों या महिला प्रोफेसरों द्वारा ही पढ़ाई का फरमान जारी किया गया था। अफगानिस्तान में लड़कियों की माध्यमिक स्कूलों की पढ़ाई को पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया था।

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