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यदि ड्राइवर नशे में है तो बीमा कंपनी को दावा नामंजूर करने का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को एक मामले में कहा है कि अगर ड्राइवर ने शराब पी(Driver drunk) रखी है तो दुर्घटना (Accident) होने की स्थिति में बीमा कंपनी (Insurance Company) को दावा नकारने का हक है। शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने करीब 14 साल पहले इंडिया गेट (India Gate) के पास दुर्घटनाग्रस्त हुई लग्जरी पोर्शे कार के दावे के मामले में यह अहम टिप्पणी की।



जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने इस मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (National Consumer Disputes Redressal Commission) के फैसले को दरकिनार करते हुए कहा, अगर गाड़ी चलाने वाला व्यक्ति नशे में हो या फिर से ड्रग्स ली हो तो बीमा कंपनी इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (Insurance Company IFFCO Tokyo General Insurance Company Limited) को बीमा करार की धारा (2सी) की आड़ में तब जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता।
आयोग ने उस वक्त अपने फैसले में बीमा कंपनी के दावे से मुकरने को गलत ठहराया था। आयोग के फैसले के खिलाफ बीमा कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। 181 पेज का फैसला लिखने वाले जस्टिस जोसेफ ने ब्रिटेन, स्कॉटलैंड और अमेरिकी कानूनों, चिकित्सीय साक्ष्यों का हवाला भी दिया।
दरअसल यह कार पर्ल बेवरेजेस लिमिटेड कंपनी की थी, जिसे 22 दिसंबर, 2007 की सर्दियों में घटना के वक्त अमन बंगिया चला रहा था। आरोप है कि अमन ने तब शराब पी रखी थी और लापरवाही से कार चलाते हुए उसने इंडिया गेट में चिल्ड्रन पार्क के पास एक फुटपाथ से टकरा दी, जिससे कार पलट गई और उसमें आग लग गई। कार पूरी तरह बर्बाद हो गई।

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