- नगर पालिक निगम अधिनियम के प्रविधानों में संसोधन
भोपाल। प्रदेश के ऐसे मकान मालिक जो खुद के मकान में रहते हैं, नगर पालिक निगम अधिनियम के प्रविधानों के अनुसार उन्हें अभी तक संपत्तिकर में 50 फीसदी छूट मिलती थी। नगरीय प्रशासन विभाग ने इस वित्तीय वर्ष से इसमें संशोधन कर दिया है। भवन स्वामी यदि 31 मार्च तक अपना पूरा संपत्ति कर जमा करेगा तभी उसे यह छूट मिलेगी। एक अप्रैल से उससे दोगुना संपत्तिकर वसूला जाएगा यानी छूट का लाभ नहीं मिलेगा। प्रदेश नगरीय निकाय अभी तक अपने मकान में रहने वालों से संपत्तिकर की गणना का कुल 50 फीसदी कर ही लिया जाता था। समय पर यह कर जमा नहीं करने पर भी यह छूट जारी रहती थी। मकान माालिक पर सिर्फ 15 फीसदी वार्षिक अधिभार लगाया जाता रहा, लेकिन नगर प्रशासन विभाग ने अब इसमें संशोधन कर दिया है। अब स्वयं के मकान में रहने वालों को हर वित्तीय वर्ष में संपत्तिकर देना होगा अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने वाले मकान मालिकों को छूट का लाभ नहीं दिया जाएगा। एक अप्रैल से उन पर पूरा कर यानी संपत्तिकर की गणना का 100 फीसदी अधिरोपित कर दिया जाएगा। यह बदलाव इसी वित्तीय वर्ष से लागू कर दिया गया है।
21 अप्रैल को जारी हुआ संशोधन
नगरीय प्रशासन विभाग ने 21 अप्रैल को नगर पालिक निगम अधिनियम में यह संशोधन किया है। अधिनियम में एक नई धारा एस 127 जोड़कर यह प्रविधान किया गया है कि खुद के मकान में रहने वाले मकान मालिकों को संपत्तिकर में 50 फीसदी छूट तब दी जाएगी जब संपत्तिकर उसी वित्तीय वर्ष के भीतर जमा किया जाता है जिस वित्तीय वर्ष में वह देय है। यानी 31 मार्च तक संपत्तिकर जमा नहीं किया तो मिलने वाली 50 फीसदी छूट अपने आप खत्म हो जाएगी।
क्या था प्रविधान
नगर पालिक निगम अधिनियम की धारा 137 में पहले से ही यह प्रविधान था कि जो व्यक्ति खुद के मकान में रहता है उसे संपत्तिकर की गणना के दौरान 50 फीसदी कर की छूट दी जाएगी। मकान में यदि किराएदार रहता है तो 100 फीसदी संपत्तिकर की गणना की जाएगी।