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बैंक को किराए पर दे डाली अवैध बिल्डिंग… निगम ने थमाया नोटिस, चलेगा बुलडोजर

January 15, 2025

  • महालक्ष्मी नगर मेनरोड पर गृह निर्माण संस्थाओं से आवंटित आवासीय भूखंडों पर धड़ल्ले से व्यावसायिक निर्माण, यातायात जाम ट
  • रहवासी संघों ने भी की शिकायतें… भवन अधिकारी की मिलीभगत भी उजागर

इंदौर। बैंक द्वारा जब किसी आम आदमी को आवास के लिए लोन दिया जाता है तो उसकी वैधता की जानकारी ली जाती है। मगर बैंक ने खुद ही अवैध बिल्डिंगें किराए पर ले ली, जिनमें मैनेजरों की भी मिलीभगत साफ नजर आती है। महालक्ष्मी नगर मेन रोड पर गृह निर्माण संस्थाओं के तमाम आवासीय भूखंडों पर धड़ल्ले से पूर्ण अवैध व्यावसायिक निर्माण होता रहा है। अभी राधिका पैलेस के दो भूखंडों का अवैध रूप से संयुक्तिकरण कर विशाल बिल्डिंग के दो भूखंडों 52 और 53 का अवैध रूप से संयुक्तिकरण कर विशाल बिल्डिंग कर ली, जो कि एचडीएफसी बैंक को किराए पर भी दे डाली और साथ ही अल्टीमेट फिजनेस क्लब सहित अन्य गतिविधियां भी यहां आएंगी।

कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा बीते दिनों बेसमेंट खाली कराने की कार्रवाई शुरू की और कई बिल्डिंगों को सील भी किया, ताकि पार्किंग की जगह उपलब्ध हो सके। दूसरी तरफ शहर के कई इलाकों में आवासीय भूखंडों पर 100 प्रतिशत अवैध बिल्डिंगें बन रही है, जिसमें बेसमेंट का तो कोई प्रावधान है ही नहीं और सीधे रोड से लगकर ये बिल्डिंगें निर्मित कर दी गई, जहां पर एक साइकिल भी खड़ी करने की जगह नहीं है। बॉम्बे हॉस्पिटल के सामने महालक्ष्मी नगर मेन रोड इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जहां पर जनकल्याण, पुष्प विहार, मजदूर पंचायत, सांई कृपा, देवी अहिल्या, सरस्वती गृह निर्माण जैसी संस्थाओं के आवासीय भूखंडों पर व्यावसायिक बिल्डिंगें अवैध रूप से तान ली गई, जिनके नक्शे नगर निगम से स्वयं के उपयोग यानी आवासीय ही उपयोग करवाए।


झोन क्र. 8 के भवन अधिकारी गीतेश तिवारी की इस मामले में पूरी मिलीभगत साफ नजर आती है, क्योंकि निगमायुक्त शिवम वर्मा के निर्देश के बावजूद राधिका पैलेस के भूखंड क्रमांक 52 और 53 पर बनी अवैध बिल्डिंग का काम उन्होंने नहीं रुकवाया और नोटिस भी गोलमोल दिया। जबकि मौके पर बनी बिल्डिंग दो आवासीय भूखंडों को जोडक़र बनाई गई और संयुक्तिकरण की कोई अनुमति नगर तथा ग्राम निवेश से नहीं ली गई और मौके पर आवासीय उपयोग का अभिन्यास मंजूर करवाया और ऑनलाइन भी सिर्फ एक ही भूखंड का नक्शा नजर आ रहा है। भवन अधिकारी ने 26 दिसम्बर को जो राधिका पैलेस के 52-53 नम्बर के भूखंड पर नोटिस जारी किया उसमें भी फ्रंट, साइड और बैक एमओएस के साथ मैजनाइन फ्लोर की भी अवैधताएं बताई, जबकि पूरी बिल्डिंग ही 100 प्रतिशत अवैध है। निगमायुक्त शिवम वर्मा का कहना है कि उन्होंने बैंक को इस बारे में सूचित कर दिया है कि वे अवैध बिल्डिंग में बैंक ना खोलें और अब जल्द ही इस अवैध निर्माण पर बुलडोजर भी चलाया जाएगा और क्षेत्र में हुए अन्य अवैध निर्माण भी इसी तरह तोड़ेंगे।

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