अग्निबाण की पहल रंग लाई… भूमाफिया के चंगुल से जमीनें छिनने की शासन-प्रशासन ने की शुरुआत, सूर्या गृह निर्माण के बाद मद्दे को पड़ा दूसरा फटका
इंदौर। भूमाफियाओं (Land Mafia) के खिलाफ चल रही मुहिम (Campaign) के तहत कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए श्रीराम गृह निर्माण संस्था (Shri Ram Home Construction Society) की लगभग 19 एकड़ जमीन (Land) को सरकारी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की और इस संबंध में प्रमुख सचिव राजस्व विभाग (Revenue Department) को विस्तृत जांच प्रतिवेदन भी भेजा, जिसमें संस्था की जमीनों की अफरा-तफरी और उस पर काबिज दीपक मद्दे सहित अन्य माफियाओं ने जो खेल किए उसका भंडाफोड़ किया गया। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की मंशा अनुरूप श्रीराम संस्था और उसमें शामिल हिना पैलेस की जमीन पर सुराज कॉलोनी विकसित की जाएगी, जिसमें गरीब और समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को भूखंड उपलब्ध करवाए जाएंगे। सूर्या गृह निर्माण के बाद प्रशासन ने श्रीराम गृह निर्माण की जमीन भी माफिया के कब्जे से छिनने की शुरुआत की, जिसके चलते चर्चित माफिया दीपक मद्दे को दूसरा बड़ा झटका लगा है। खजराना के विभिन्न सर्वे नम्बरों पर 7.911 हेक्टेयर जमीन पर हुए गोरखधंधे की विस्तृत जांच कलेक्टर ने करवाई और उस आधार पर किन-किन रसूखदारों ने ये जमीनें हड़पी उनका भी खुलासा किया गया। संस्था के सदस्यों की बजाय ये बेशकीमती जमीनें शहर के रसूखदारों के पास चली गई। संस्था की कुछ जमीन खजराना गणेश मंदिर विस्तार के लिए भी कुछ वर्ष पूर्व ली गई थी।
अग्निबाण बीते कई वर्षों से जहां गृह निर्माण संस्थाओं की पोलपट्टी उजागर करता रहा, वहीं इन पर काबिज रहे भूमाफियाओं के भी खुलासे किए गए और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से लेकर जब कांग्रेस सरकार के वक्त भी माफियाओं के खिलाफ मुहिम चली थी तब तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र सौंपकर अनुरोध किया गया कि जितनी भी संस्थाओं की जमीनें भूमाफियाओं के कब्जे में हैं उनमें सीलिंग एक्ट की धारा 20 के तहत दी गई छूट का उल्लंघन हुआ है, जिसके चलते शासन इन जमीनों को अपने कब्जे में ले, क्योंकि जब भी मुहिम चलती है तब कुछ भूमाफिया गिरफ्तार होते हैं और बाकी फरारी के बाद जमानत हासिल कर फिर से इन जमीनों की हेराफेरी में जुट जाते हैं और चंद पीडि़तों को ही मुहिम के चलते भूखंड मिल पाते हैं। लिहाजा शासन ऐसी धारा 20 की सीलिंग से मिली छूट से जुड़ी संस्थाओं की जमीनों को अपने आधिपत्य में ले ले। यानी ये जमीनें शासन में वैस्थित हो जाए। अब कलेक्टर मनीष सिंह ने इसकी पहल की है, जो पूरे प्रदेश में उदाहरण भी बनेगी। दरअसल इंदौर में गृह निर्माण संस्थाओं के मामलों में जो पुख्ता कार्रवाई कलेक्टर मनीष सिंह ने की उसकी सराहना मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी भूखंड पीडि़तों की बैठक में की थी। ब्रिलियंट कन्वेंशन में यह आयोजन हुआ था, जिसमें मुख्यमंत्री का पीडि़तों ने सम्मान किया। उस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अगले ही दिन सभी कलेक्टरों की होने वाली वीडियो कान्फ्रेंस में इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह को की गई कार्रवाइयों के संबंध में प्रजेंटेशन देने के भी निर्देश दिए। वहीं कलेक्टर मनीष सिंह ने पिछले दिनों दीपक मद्दे के चंगुल से सूर्या गृह निर्माण की 500 करोड़ से अधिक की जमीन छुड़वाने का आदेश पारित किया, तो उसी कड़ी में अब श्रीराम गृह निर्माण की जमीन को भी सरकारी घोषित करने के आदेश दिए। दरअसल, इस संस्था के अलावा चार अन्य संस्थाओं की जमीनें कबाडक़र हिना पैलेस में शामिल की गई, जिसे कूटरचित तरीके से वैध करवाया, जो बाद में फिर अवैध घोषित हो गई। श्रीराम के अलावा शताब्दी, हरियाणा, टेलीकॉम और सारथी गृह निर्माण की जमीनें भी हिना पैलेस में शामिल कर ली गई और दिलीप सिसौदिया उर्फ दीपक जैन के साथ-साथ जितेन्द्र और राजीव धवन को भी इस मामले में कलेक्टर ने अपनी जांच रिपोर्ट में जिम्मेदार बताया है और हिना पैलेस की जमीन नीलू पंजवानी के कब्जे में भी है, जिसके खिलाफ पिछले दिनों पुलिस प्रशासन और निगम ने कार्रवाई भी की है। इस जमीन का मूल्य भी 500 करोड़ रुपए से अधिक है। अपर कलेक्टर राजेश राठौर ने बड़ी मेहनत कर यह विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार की है, जिसे प्रमुख सचिव राजस्व को कलेक्टर द्वारा भेजा गया है और इस जमीन पर मुख्यमंत्री की मंशानुरूप सुराज कालोनी विकसित होगी।
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