देवघर। झारखंड के देवघर में एक निजी क्लीनिक (private clinics) की लापरवाही (negligence) का मामला सामने आया है। यहां के काली मंडा रोड स्थित एक निजी क्लीनिक (private clinics) ने प्रसव के बाद एक जीवित नवजात शिशु (live newborn) को मृत घोषित कर दिया. इससे गुस्साए परिजनों ने क्लीनिक में तोड़-फोड़ की और स्वास्थ्य कर्मियों से मारपीट की.
बाद में पुलिस के हस्तक्षेप करने के बाद मामले को शांत कराया. मधुपुर पिपरासोल निवासी नवजात की दादी रेखा देवी ने बताया कि क्लीनिक में उसकी बहू का प्रसव कराया गया था. जब नवजात का जन्म हुआ तो डॉक्टरों ने बताया कि जिंदा नहीं है और उसकी मौत हो चुकी है.
उन्होंने आगे बताया कि डॉक्टरों के नवजात को मृत घोषित किए जाने के बाद परिजन उसे घर लेकर आ गए और अंतिम संस्कार में जुट गए, लेकिन दफनाने के दौरान नवजात अचानक रोने लगा. इसके बाद परिजनों को पता चला कि जिस नवजात को डॉक्टरों ने मृत बताया है, वास्तव में वह जिंदा है.
डॉक्टरों को लेकर परिजन उग्र हो गए और अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की. परिजन नवजात को बेहतर इलाज के लिंए देवघर ले गए हैं. फिलहाल, पुलिस मामले की पड़ताल में जुट गई है. इधर निजी क्लीनिक के संचालक डॉ. देवानन्द प्रकाश ने घटना को बेबुनियाद बताया है.
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