- शहर की प्राचीन बावडिय़ों की सफाई कराई जाएगी और पुराने कुओं के पानी को भी उपयोग किया जाएगा
उज्जैन। शहर में होने वाले जलसंकट के चलते नगर निगम को अब फिर से पुरानी बावडिय़ों की याद आई है। अब वहां सफाई अभियान चलाकर हाइड्रेंट बनाने की तैयारी है। टैंकरों के माध्यम से वहां से पानी भरकर वार्डों में बांटा जाएगा, ताकि जलसकंट की स्थिति से निपटा जा सके। गंभीर डेम में पानी कम होने के बाद नगर निगम के अफसरों ने कुएं, बावडिय़ों की सूची निकलवाई है, ताकि भीषण गर्मी में वहां से पानी लिया जा सके। इससे पहले भी निगम कई स्थानों पर कुओं की मरम्मत का कार्य कर चुका है। दो दिन पहले निगमायुक्त अंशुल गुप्ता ने अफसरों को निर्देश दिए कि उद्यानों से लेकर विभिन्न उपयोगों के लिए कुएं, बावडिय़ों के पानी का उपयोग फिर से शुरू किया जाए। इसके लिए बावडिय़ों के आसपास हाइड्रेंट बनाए जाएं और वहां से निगम के टैंकरों में पानी भरकर वार्डों में बंटवाया जाए, ताकि लोगों की पानी की दिक्कत कम हो सके। वहीं दूसरी ओर शहर के कई बोरिंगों का जलस्तर भी लगातार कम हो रहा है। इसी के चलते निगम अफसरों का सारा ध्यान जलसंकट की स्थिति से निपटने के लिए है। प्राइवेट टैंकरों के साथ-साथ निगम के टैंकर भी पानी बांटने के लिए दौड़ाए जा रहे हैं।
इन बावडिय़ों पर बनेंगे हाइड्रेंट
नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि हीरामिल की चाल स्थित पुराने कुए, शांति नगर, इंदौर टैक्सटाइल मिल परिसर, पीपलीनाका चौराहा, अंकपात चौराहा स्थित प्राचीन बावड़ी, मोदी का चौपड़ा, रंग बावड़ी सहित शहर के अन्य क्षेत्रों के कुओं और बावडिय़ों की सफाई कराई जाएगी और गमी में होने वाले जलसंकट से पार पाई जा सकेगी।