भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

नक्सलवाद पर बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री बोले… मुख्य सचिव हर 3 महीने में DGP व केंद्रीय एजेंसियों के साथ समीक्षा करें

  • शिवराज ने बालाघाट में युवाओं की भर्ती का रोडमैप बताया

भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने 6 मुख्यमंत्रियों और 4 राज्यों के शीर्ष अधिकारियों के साथ नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Affected Areas) में सुरक्षा स्थिति और विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन की रविवार को समीक्षा की। शाह ने राज्यों से आग्रह किया कि नक्सलवाद व वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिव 3 महीने में पुलिस महानिदेशक और केन्द्रीय एजेंसी (Director General of Police and Central Agency) के साथ समीक्षा बैठक करें, तभी हम इस लड़ाई को आगे बढ़ा सकते हैं।
बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan), पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी (Director General of Police Vivek Johri) शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में विभिन्न विकास कार्यों और पुलिस व अन्य विभागों में भर्ती अभियान शुरू करने की योजना के बारे में अवगत कराया। शिवराज का मानना है कि ये योजनाएं विकास को गति देंगी। स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित करेंगी। नक्सल प्रभावित विकासखंड के तहत आने वाले गांवों में सड़क संपर्क, सिंचाई और रोजगार पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके साथ ही पात्र लोगों को प्राथमिकता के आधार पर वन अधिकार दिए जाने चाहिए।


समन्वय से समस्याएं हल होंगी
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के स्तर पर नियमित समीक्षा की जाती है, तो निचले स्तर पर समन्वय की समस्याएं अपने आप हल हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में जिन क्षेत्रों में सुरक्षा पहुंच नहीं थी। वहां सुरक्षा कैंप बढ़ाने का काफी बड़ा और सफल प्रयास किया गया है। विशेषकर छत्तीसगढ़ में, साथ ही महाराष्ट्र और ओडिशा में भी सुरक्षा कैंप बढ़ाए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिस समस्या के कारण पिछले 40 वर्षों में 16 हजार से अधिक नागरिकों की जान गई हैं। उसके खिलाफ लड़ाई अब अंत तक पहुंची है। इसकी गति बढ़ाने और इसे निर्णायक बनाने की जरूरत है।

देश में 90 जिले नक्सलवाद से प्रभावित
बता दें कि देश में कुल 90 जिले ऐसे हैं, जिन्हें नक्सलवाद से प्रभावित माना जाता है। ये जिले केंद्रीय गृह मंत्रालय की सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के अंतर्गत आते हैं। आंकड़ों के अनुसार 2019 में 61 जिलों में नक्सली हिंसा दर्ज की गई थी, तो साल 2020 में यह संख्या 45 रह गई थी। मध्य प्रदेश के बालाघाट और मंडला के बाद डिंडौरी जिले के तीन थानों को फिर से नक्सल प्रभावित घोषित किया गया है। डिंडौरी के समनापुर, बजाग और करंजिया थाना के साथ ही अमरपुर और गोपालपुर पुलिस चौकी क्षेत्र को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की सूची में जोड़ा गया था। बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, झारखंड के मुख्यमंत्री और बंगाल के मुख्य सचिव शामिल हुए।

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