- नारायण ने बनाई अलग पार्टी, कांग्रेस के अलावा बना रहे अलग घोषणा पत्र
भोपाल। विधानसभा चुनाव से पहले पार्टियों को विधायकों की बगावत का डर सताने लगा है। इसलिए भाजपा और कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं को यह जिम्मेदारी सौंपी है कि वे असंतुष्ट नेताओं को मनाएं। भाजपा के नेताओं ने तो काम भी शुरू कर दिया है। वहीं कांग्रेस के नेता भी जल्द ही मोर्चे पर तैनात होंगे। गौरतलब है कि कुछ मौजूदा माननीय यानि विधायक अपने दल की परवाह किए बिना बगावत की राह पर चल रहे हैं। अपनी पार्टी के खिलाफ खुलकर खिलाफत करने के बावजूद इन विधायकों के खिलाफ उनकी पार्टी एक्शन लेने में डऱ रही है। भाजपा, कांग्रेस और सपा, बसपा चारों दल विधायकों के खिलाफ एक्शन नहीं ले पा रहे हैं।
मैहर से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते नारायण त्रिपाठी पिछले एक साल से बगावती मूड में चल रहे थे। पिछले हफ्ते उन्होंने अलग पार्टी बनाकर विंध्य क्षेत्र की 30 सीटों पर चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया। नारायण त्रिपाठी के खुलकर बगावत करने के ऐलान करने के बाद भी भाजपा अब तक उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले पा रही है। नारायण की पार्टी के नाम का अगले महीने में औपचारिक ऐलान हो जाएगा। त्रिपाठी के अलग चुनाव लडऩे से कांग्रेस अंदरखाने खुश हो रही है। क्योंकि त्रिपाठी के चुनाव लडऩे से विंध्य क्षेत्र में भाजपा के वोटों का तेजी से बंटवारा होगा और कांग्रेस को इसका फायदा मिलेगा। अपने ही विधायक के इस कदम से भाजपा को नुकसान होना तय है लेकिन पार्टी ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
कांग्रेस के अलावा बना रहे अलग घोषणा पत्र
आदिवासी संगठन जयस के राष्ट्रीय संरक्षक और कांग्रेस के टिकट पर धार जिले की मनावर से विधायक बने डॉ. हीरालाल अलावा इस बार आदिवासी सीटों पर जयस के सक्रिय कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ाने का ऐलान कर चुके हैं। अलावा 26 अप्रैल को भोपाल में कई छोटे-छोटे दलों और विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति तैयार करेंगे। कांग्रेस के विधायक होने के बावजूद डॉ.हीरालाल अलावा पार्टी से हटकर अलग चुनाव लड़ेंगे और उम्मीदवार उतारेंगे। अलावा के इस कदम से कांग्रेस को आदिवासी क्षेत्रों में नुकसान होगा तो वहीं भाजपा को आदिवासी क्षेत्रों में बड़ा फायदा होगा। अलावा लंबे समय से कांग्रेस से अलग चुनाव लडऩे और उम्मीदवार उतारने की बात कह चुके हैं। इसके बावजूद पार्टी ने अब तक कोई एक्शन नहीं लिया।
त्रिपाठी अलग विंध्य प्रदेश की मांग पर अड़े
दरअसल नारायण त्रिपाठी पिछले डेढ़ साल से विंध्य प्रदेश के गठन की मांग करने से लेकर अपने इलाके के मुद्दों को मुखरता से उठाते रहे हैं। नारायण ने भोपाल के व्यापमं चौराहे पर सालों से कपड़े में ढंकी पूर्व सीएम अर्जुन सिंह प्रतिमा के अनावरण न होने पर विंध्य का अपमान बताते हुए स्वयं अनावरण करने की वॉर्निंग दे दी थी। इसके बाद आनन फानन में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 7 मार्च को अनावरण किया था। विंध्य के मुद्दों को मुखरता से उठाने के साथ ही अब नारायण अलग पार्टी बनाकर विधानसभा चुनाव में विंध्य की 30 सीटों पर प्रत्याशी उतारेंगे। उनके इस कदम के बाद भाजपा उनपर इसलिए कार्रवाई नहीं कर रही है क्योंकि यदि उन्हें पार्टी से निष्कासित किया तो वे विंध्य का अपमान बताकर विधानसभा चुनाव में सहानुभूति लेकर भाजपा का माहौल खराब करेंगे।
अलावा पर इसलिए पार्टी गंभीर नहीं
जयस के राष्ट्रीय संरक्षक और मनावर से कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा प्रदेश की करीब 80 सीटों पर चुनाव लडने का ऐलान कर चुके हैं। करीब सात महीने पहले ही अलावा ये कह चुके हैं कि वे 47 आदिवासी सीटों सहित एससी और ओबीसी, मुस्लिम वोटर्स के प्रभाव वाली सीटों पर छोटे दलों के साथ मिलकर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। अलावा विधानसभा चुनाव के लिए अपना अलग से घोषणा पत्र बना रहे हैं। इसको लेकर उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए सुझाव मांगे हैं। अलावा कांग्रेस से अलगाव के रास्ते पर नजर आ रहे हैं लेकिन कांग्रेस उनके खिलाफ कार्रवाई के मूड में नहीं हैं।