इंदौर। कोरोना के चलते पिछले 2 साल से धार्मिक स्थल भी लम्बे समय तक बंद रहे, जिसके चलते खजराना गणेश मंदिर की आमदनी भी प्रभावित हुई है। तीन महीने बाद मंदिर की लगभग छोटी-बड़ी 40 दान पेटियों को खोला जा रहा है। कल 17 पेटियों को खोला जा चुका था और लगभग 32 लाख रुपए की राशि अभी तक गिनी गई। खासकर बड़े-बड़े नोट पहले अलग कर गिन लिए गए। अब छोटे नोट और चिल्लरों की गिनती की जाना है।
एक तरफ मंदिर की आमदनी घटी, वहीं दूसरी तरफ खर्चे बढ़ गए। 30 से 35 लाख रुपए का दान हर महीने औसतन पहले प्राप्त होता रहा। मगर कोरोना के चलते मंदिर बंद रहा, लेकिन खर्चे यथावत ही रहे। 30 से 32 लाख रुपए महीने का खर्चा तो होता ही है। दूसरी तरफ जितनी भी जमा पूंजी फिक्स डिपॉजिट के रूप में बैंकों में जमा थी, उनमें से भी अधिकांश मंदिर में लगातार चल रहे विकास कार्यों पर खर्च की गई। अभी पिछले दिनों अवश्य एक भक्त ने विकास कार्यों पर 8 से 10 करोड़ रुपए की राशि खर्च करने का एमओयू मंदिर प्रशासन के साथ साइन किया है। मंदिर प्रबंधन समिति के प्रकाश दुबे के मुताबिक दान पेटियों में सोने-चांदी के सिक्के, बंद हो चुके 100-500 के नोट के अलावा विदेशी मुद्रा यूरो, डॉलर सहित भक्तों की चिट्ठी भी निकली है।
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