उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

जिला अस्पताल में डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

  • आज सुबह वार्डों से लेकर ओपीडी तक में सेवाएँ बंद -इमरजेंसी सेवा भी नहीं करने का निर्णय

उज्जैन। केंद्र के समान भत्ते दिए जाने तथा सार्थक एप पर हाजिरी की अनिवार्यता खत्म करने सहित विभिन्न माँगों को लेकर मध्यप्रदेश चिकित्सा महासंघ के आह्वान पर आज से जिला अस्पताल में सभी चिकित्सकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इसके कारण ओपीडी से लेकर वार्डों में उपचार संबंधी कोई कार्य नहीं हो रहा। डॉक्टरों ने आज जिला अस्पताल में इमरजेंसी सेवा देने से भी इंकार कर दिया है। राज्य चिकित्सा अधिकारी संघ के आह्वान पर परसों जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया था। वहीं कल सुबह 9 से 11 बजे तक जिला अस्पताल के सभी चिकित्सकों ने काम बंद हड़ताल रखी थी। इसके चलते सुबह 2 घंटे तक मरीजों को ओपीडी में कोई उपचार सुविधाएँ नहीं मिली। यहां तक कि आपरेशन और पोस्टमार्टम भी इस दौरान नहीं किए गए थे। हालांकि कल चिकित्सकों ने जिला अस्पताल के इंमरजेंसी वार्ड में सेवाएँ जारी रखी थी। चिकित्सा महासंघ के जिला अध्यक्ष डॉ. अनिल भार्गव ने बताया कि चिकित्सकों की विभिन्न मांगों को लेकर 15 फरवरी से किए जा रहे आंदोलन का असर सरकार पर नहीं पड़ा। इसके चलते राज्य चिकित्सा महासंघ ने आज से पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया है।


मांगों को लेकर डॉ. अनिल भार्गव ने बताया कि संगठन की मांग है कि चिकित्सकों को भी अन्य कर्मचारियों की तरह केंद्र के समान भत्ते मिलना चाहिए। इसके अलावा उत्तरप्रदेश व हरियाणा राज्य की तर्ज पर प्रदेश के सभी चिकित्सकों को वेतनमान लागू होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार चिकित्सकों की हाजिरी के लिए अनिवार्य किए गए सार्थक एप के नियम को वापस लिए जाएँ। उन्होंने कहा कि आज से हड़ताल में पूरे प्रदेश के 13 हजार सरकारी डॉक्टर शामिल हैं। इसमें उज्जैन जिले के 200 डॉक्टरों के अलावा जूनियर डॉक्टर, संविदा स्वास्थ्यकर्मी सहित विभिन्न चिकित्सा संगठन अपनी संयुक्त मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण इधर आज सुबह वार्डों में नियमित निरीक्षण भी नहीं हुआ और सभी तरह के कार्य से डॉक्टर दूर रहे। इतना ही नहीं आज जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवा को भी बंद रखा है। हड़ताल के कारण आज उन मरीजों को काफी परेशानी आई जिनका आज आपरेशन होना था तथा गंभीर मरीजों को भी सुबह रूटीन चेकअप नहीं हो पाया और इमरजेंसी सेवा बंद होने से भी पहले दिन ही मरीजों के सामने समस्या खड़ी हो गई। हालांकि अस्पताल प्रबंधन से जुड़े डॉक्टरों ने कहा है कि जरूरी सेवाओं को बहाल रखने के लिए निजी डॉक्टर और आयुष डॉक्टरों की सेवाएं ली जाएगी। जिला अस्पताल परिसर में हड़ताल कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि मांगे नहीं माने जाने तक हड़ताल जारी रखी जाएगी।

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