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इंडिया-पाकिस्तान बॉर्डर पर भारत करने जा रहा ये बड़ा काम, अडानी ग्रुप की कंपनी करेगी मदद

नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) की छाती पर चढ़कर यानी भारत-पाकिस्तान सीमा (India-Pakistan border) से बिल्कुल लगकर भारत एक बड़ा प्रोजेक्ट लगाने जा रहा है. इस काम में उसकी मदद अडानी ग्रुप (Adani Group) की एक कंपनी कर रही है. ये ऐसा प्रोजेक्ट होगा जिसका लोहा पूरी दुनिया मानेगी. अब से 3 साल बाद दुनियाभर में भारत के इस प्रोजेक्ट की चमक दिखाई देगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार (Prime Minister Narendra Modi’s government) बनने के बाद भारत ने रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर (Renewable Energy Sector) में जबरदस्त ग्रोथ की है. यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस (International Solar Alliance) बनाने में भी भारत सफल रहा है, जो असल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही ब्रेन चाइल्ड रहा है. अब भारत दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट डेवलप कर रहा है.

गुजरात में कच्छ का नमकीन दलदली रेगिस्तान यूं तो भारत और पाकिस्तान को अलग करता है. लेकिन अब यही रेगिस्तान दुनिया के सबसे बड़े रीन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट का गवाह बनने जा रहा है. अब से 3 साल के अंदर ये पूरी तरह तैयार हो जाएगा. यहां सोलर एनर्जी और पवन ऊर्जा का प्रोजेक्ट लगने जा रहा है. ये इतना बड़ा होगा कि इसे अंतरिक्ष से देखा जा सकेगा. पड़ोस के गांव के नाम पर इसका नाम ‘खावड़ा रीन्यूएबल एनर्जी पार्क’ रखा गया है.


जहां ये प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है, इस समय वहां करीब 500 इंजीनियर्स काम कर रहे हैं. वहीं लगभग 4,000 वर्कर पिलर्स इंस्टॉल कर रहे हैं. इन्हीं पिलर्स पर सोलर पैनल लगेंगे. एपी की एक खबर के मुताबिक जहां तक आपकी नजर जाएगी, वहां तक आपको बस ये पिलर्स ही नजर आएंगे. वहीं कुछ वर्कर विंड टरबाईन की नींव को शक्ल देने में लगे हैं. दूर-दूर तक कंक्रीट, सरिया और सीमेंट बस यही फैला नजर आ रहा है. ये प्रोजेक्ट 726 वर्ग किलोमीटर में फैला है. ये आकार में सिंगापुर के बराबर है. वहीं इस पर लगभग 2.26 अरब डॉलर की लागत आने का अनुमान है. इस प्रोजेक्ट के लिए कच्छ के रण को इसलिए चुना गया क्योंकि ये आबादी से बहुत दूर है. सबसे पड़ोस की आबादी भी कच्छ के रण से करीब 70 किलोमीटर दूर है. हालांकि सीमा के नजदीक होने से यहां सेना के ट्रक आपको आसानी से दिख जाते हैं.

ये रिन्यूएबल एनर्जी पार्क जब पूरी तरह तैयार हो जाएगा, तब यहां से हर साल लगभग 30 गीगावाट बिजली पैदा होगी. ये 1.8 भारतीयों का घर रोशन करने के लिए काफी है. भारत ने अपने ‘ ग्रीन एनर्जी मिशन’ के तहत देश में 500 गीगावाट रीन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी डेवलप करने का लक्ष्य रखा है. वहीं 2070 तक उसका लक्ष्य ‘जीरो काबर्न एमिशन’ का है. ये पूरा प्रोजेक्ट ‘अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड’ इंस्टॉल कर रही है. ये गौतम अडानी के बिजनेस ग्रुप की ग्रीन एनर्जी फर्म है.

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