नई दिल्ली । पाकिस्तान(Pakistan) से तनाव के बीच भारतीय वायुसेना(Indian Air Force) की ताकत(Strength) एक बार और बढ़ाने की तैयारी है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि रक्षा मंत्रालय की तरफ से स्वदेशी (क्विक रिएक्शन सर्फेस टू एयर मिसाइल) क्यूआर-एसएएम सिस्टम खरीदने के प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है। हालांकि, यह प्रक्रिया कब तक पूरी की जाएगी, इसे लेकर सरकार या सेना की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
सरकार 30 हजार करोड़ के प्रस्ताव पर शुरुआती मंजूरी देने के लिए विचार कर सकती है। इसके जरिए सिस्टम के तीन रेजिमेंट खरीदे जाने हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली अधिग्रहण परिषद AoN यानी एक्सेप्टेंस ऑफ नैसेसिटी पर भी विचार कर सकती है।
क्यों है खास
क्यूआर-एसएएम सिस्टम 25 से 30 किमी की रेंज में लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और ड्रोन को बीच में ही रोकने में सक्षम है। खास बात है कि भारत के एयर डिफेंस नेटवर्क ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मन की तरफ से दागे गए तुर्की में बने ड्रोन और चीनी मिसाइलों को रोकने में सफलता हासिल की थी।
इधर, डीआरडीओ और सेना बीते कुछ सालों से क्यूआर-एसएएम सिस्टम की टेस्टिंग कर रही है। अखबार से बातचीत में एक अधिकारी ने बताया, ‘क्यूआर-एसएएम सिस्टम चलते हुए भी सर्च और ट्रैकिंग क्षमता के साथ काम कर सकता है। इन्हें तोपों और थल सेना के लड़ाकू वाहनों के साथ चलने के लिए तैयार किया गया है, ताकि युद्धभूमि में एयर डिफेंस स्थापित किया जा सके।’
अखबार के अनुसार, एएडी यानी आर्मी एयर डिफेंस को क्यूआर-एसएएम के 11 रेजिमेंट की जरूरत है। यह सिस्टम भारतीय वायुसेना के डिफेंस नेटवर्क में शामिल हो जाएगा, जहां पहले से ही रूस में बने एस-400 मिसाइल सिस्टम और इजरायल के साथ मिलकर बनाए गए बराक-8 मीडियम रेंज एसएएम सिस्टम शामिल हैं। एक ओर जहां एस-400 की रेंज 380 किमी है। वहीं, बराक-8 की रेंज 70 किमी है।
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