विदेश

चीन से डिग्री ले रहे भारतीय छात्रों पर मंडराया खतरा, ये फैसला कर सकता है परेशान

नई दिल्ली। चीन (China) से पढ़ाई करके भारत में डॉक्टरी (China medical degree) करने का ख्वाब देखने वाले हजारों मेडिकल स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में हैं. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने साफ कर दिया कि चीन से ऑनलाइन पढ़ाई करके मिलने वाली डिग्रियों को वह मान्यता नहीं (Online degree not recognised) देगा. अगर इसके लिए पहले से अनुमति ली गई होगी, तभी कुछ छूट मिल सकती है. इसके अलावा, यूजीसी ने ड्रैगन देश में उच्च शिक्षा हासिल करने वाले भारतीय छात्रों को आगाह किया है कि कोरोना महामारी (Corona pandemic) शुरू होने के बाद से चीन ने विदेशियों के लिए यात्रा प्रतिबंध नहीं हटाए हैं. ऐसे में दाखिला लेने के बाद भी तमाम स्टूडेंट्स को वहां पढ़ाई के लिए वापस जाने का मौका नहीं मिल पाया है. बेहतर होगा कि छात्र चीन के कॉलेजों में दाखिला लेने से पहले अपने विवेक का इस्तेमाल करें और हर पहलू की अच्छे से छानबीन कर लें.



भारत ने चीनी विदेश मंत्री के सामने उठाया मुद्दा
यूजीसी की तरफ से ये एडवाइजरी शुक्रवार को ऐसे समय जारी की गई, जब चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Chinese foreign minister Wang Yi) दिल्ली दौरे पर आए थे. खबरों के मुताबिक, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने चीन में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों की समस्या से अपने चीनी समकक्ष को भी अवगत कराया. जयशंकर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मिनिस्टर वांग यी ने अपने देश में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों की परेशानी को समझा और भरोसा दिलाया कि वह संबंधित अधिकारियों से इस बारे में बात करेंगे. जयशंकर ने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि चीन भारतीय छात्रों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया नहीं अपनाएगा. यूजीसी की ये एडवाइजरी इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि चीन के विश्वविद्यालय आने वाले साल के लिए डिग्री कोर्सों में नए दाखिलों के विज्ञापन निकाल रहे हैं और आवेदन मांग रहे हैं.

चीन में 20 हजार भारतीय मेडिकल स्टूडेंट
चीन में भारतीय दूतावास ने जानकारी दी थी कि वहां के कॉलेजों में भारत के 20 हजार से ज्यादा छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. कोरोना महामारी की वजह से चीन में सारे विश्वविद्यालय बंद हो गए. इसके बाद इनमें से ज्यादातर छात्र भारत लौट चुके हैं. लेकिन चीन ने अब तक कोरोना प्रतिबंधों में ढील नहीं दी है. इसके कारण भारत से छात्र वहां पढ़ाई के लिए वापस नहीं जा पा रहे हैं. स्टूडेंट्स में डर है कि अगर जल्द ही यात्रा प्रतिबंधों ढील नहीं दी गई तो उनकी डिग्रियां अमान्य हो जाएंगी क्योंकि भारत ने विदेश से ऑनलाइन ली गई डिग्रियों को मान्यता देने से इनकार कर दिया है.

ऑनलाइन डिग्री लेकर एग्जाम में नहीं बैठ सकते
विदेश से डॉक्टरी पढ़कर भारत में प्रैक्टिस करने के इच्छुक स्टूडेंट्स को फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स एग्जाम देना अनिवार्य होता है. इसमें पास होने वालों को ही देश में इलाज करने की इजाजत मिलती है. यह एग्जाम नैशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) कराती है. काउंसिल 8 फरवरी को कह चुकी है कि अगर किसी छात्र ने पूरी तरह ऑनलाइन पढ़ाई करके ही डिग्री हासिल की है तो उसे इस एग्जाम में नहीं बैठने दिया जाएगा. इससे चीन से ऑनलाइन पढ़ाई करने वालों की डिग्री बेकार होने का खतरा पैदा हो गया है.

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