बड़ी खबर

भारत का पहला नेजल स्प्रे जो कोरोना को ठीक करेगा, जानें डिटेल्स

नई दिल्ली: कोरोना को ठीक करने वाला देश का पहला नेजल स्प्रे बनकर तैयार है. बुधवार को ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स और उसकी साझेदार कनाडाई बायोटेक कंपनी (Biotech Company) ने इस स्प्रे को बाजार में उतारा है. यह स्प्रे कोविड-19 (Covid-19) संक्रमित वयस्कों के इलाज के लिए कारगर होगा. यह स्प्रे उन वयस्कों के लिए है जिनके संक्रमित होने पर गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा अधिक है. इससे पहले भारत के महा औषधि नियंत्रक (डीसीजीआई) से इसकी मंजूरी मिल चुकी है.

फैबीस्प्रे नाम के स्प्रो को नाक के भीतर ही कोविड-19 के वायरस को नष्ट करने के लिए बनाया गया है, ताकि वह फेफड़ों तक नहीं पहुंच सके. ग्लेनमार्क को देश के दवा नियामक, भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) से त्वरित अनुमोदन प्रक्रिया के तहत विनिर्माण और विपणन का अनुमोदन प्राप्त हो गया है.


नाक में ही वायरस को खत्म कर देगा
कंपनी का मानना है कि यह नेजल स्प्रे नाइट्रिक ऑक्साइड पर आधारित है जो नाक की ऊपरी सतह पर कोरोना वायरस को प्रभावी ढंग से खत्म करने के लिये काम करता है. जब नाक के म्यूकोसा पर छिड़काव किया जाता है तो नाइट्रिक ऑक्साइड वायरस फेफडें तक जाने से रोकता है. नेज़ल स्प्रे को COVID-19 के लिए एक प्रभावी और सुरक्षित एंटीवायरल उपचार बताते हुए, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी रॉबर्ट क्रॉकार्ट ने कहा, हमें विश्वास है कि यह रोगियों को एक बहुत आवश्यक और समय पर चिकित्सा विकल्प प्रदान करेगा.

महामारी के खिलाफ लड़ाई में प्रभावी
परीक्षण के दौरान स्प्रे के माइक्रोबियल गुणों की पहचान की गई जिससे यह साबित हुआ कि जब इस स्प्रे को नाक के म्यूकस पर छिड़का जाता है तो यह वायरस को शरीर में बढ़ने से रोकता है. ग्लेनमार्क के फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राबर्ट क्रोकार्ट ने कहा कि हमें खुशी है कि हम एक कंपनी के रुप में कोविड महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में उसके साथ हैं. हमें इसे भारत में SaNOtize के साथ लॉन्च करके काफी खुश हैं.

Share:

Next Post

Hijab Row: कर्नाटक में नहीं थम रहा हिजाब पर विवाद, हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू, फैसले पर टिकी सबकी निगाहें

Wed Feb 9 , 2022
नई दिल्ली: कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) में हिजाब विवाद (Hijab Controversy) को लेकर बुधवार को सुनवाई शुरू हो गई है. राज्य के एडवोकेट जनरल (AG) ने कहा कि ‘बड़ी बेंच गठित करने का फैसला न्यायाधीशों के हाथ में है. हमने इसपर जो शोध किया है, वह सीमित है. एक सवाल यह उठता है […]