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भारत की 200 करोड़ कोविड टीकाकरण की यात्रा- 7 चरण, 18 महीने, PM मोदी का नेतृत्व


नई दिल्ली: भारत ने पिछले साल 16 जनवरी से अपने राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रणनीतिक नेतृत्व में देश ने 18 महीनों के भीतर कोविड-19 टीकाकरण में रिकॉर्ड 200 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है. पिछले 100 करोड़ टीकाकरण 9 महीने में किए गए थे, अगले 100 करोड़ टीकाकरण भी इतनी ही समयावधि में पूरा कर लिए गए. यह दर्शाता है कि देश में टीकाकरण की रफ्तार धीमी नहीं हुई है.

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्रिय रणनीतिक और नीति-स्तरीय नेतृत्व, जिसमें मेक-इन-इंडिया और मेक-फॉर-वर्ल्ड मंत्र शामिल हैं, ने देश को इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद की है. आज देश का लगभग हर वयस्क नागरिक मेड-इन-इंडिया वैक्सीन के साथ पूरी तरह से टीका कवच प्राप्त कर चुका है. सरकारी अधिकारियों ने बताया कि वैज्ञानिक सलाह और सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं के आधार पर, प्राथमिकता के सिद्धांत के तहत भारत में 7 चरण का कोविड टीकाकरण अभियान चलाया गया.

भारत ने बहुत पहले ही पूरे यूरोप को पीछे छोड़ दिया था, जहां टीकाकरण की संख्या लगभग 130 करोड़ है. भारत ने न केवल अपने नागरिकों को कोविड वैक्सीन की 200 करोड़ खुराकें दी हैं, बल्कि 50 से अधिक देशों को 23 करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराक का निर्यात भी किया है और अब भी स्टॉक में लगभग 10 करोड़ खुराक है. जिसका अर्थ है कि देश ने पिछले 18 महीनों में लगभग 233 करोड़ कोविड वैक्सीन खुराक का उत्पादन किया है.

कोविशील्ड की 160 करोड़ और कोवैक्सीन की 33.5 करोड़ खुराकें लगी हैं
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड की लगभग 160 करोड़ खुराक, भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन की 33.5 करोड़ खुराक और बायोलॉजिकल ई द्वारा निर्मित कॉर्बेवैक्स की 6.5 करोड़ खुराक वयस्कों और बच्चों को दी गई है. इसमें प्रीकॉशन डोज भी शामिल है. अधिकारियों का कहना है कि कोविड-19 वायरस के लिए एक नहीं बल्कि कई टीके विकसित करने में भारत की उपलब्धि का श्रेय नेतृत्व स्तर पर किए गए कई प्रणालीगत हस्तक्षेपों को दिया जा सकता है.


हाल ही में एक साक्षात्कार में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा ​था कि यह टीकाकरण अभियान ही था, जिसने ‘भारत को बचाया’ और इसके परिणामस्वरूप विशेष रूप से इस साल कोरोना महामारी की तीसरी लहर के दौरान मृत्यु दर कम थी. प्रधानमंत्री द्वारा 16 जनवरी, 2021 को टीकाकरण अभियान शुरू करने के नौ महीने बाद 21 अक्टूबर, 2021 को भारत ने 100 करोड़ टीकाकरण का आंकड़ा पार कर लिया था.

200 करोड़ टीके की खुराक में से लगभग 71 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में लगी
जबकि कुछ विशेषज्ञों ने कहा था कि अगले 100 करोड़ वैक्सीन खुराक प्राप्त करने में अधिक समय लगेगा और यह एक बड़ी चुनौती थी, भारत ने 9 महीने के भीतर भी दूसरे ‘100 करोड़ टीकाकरण’ का आंकड़ा हासिल कर लिया है. भारत इस साल 7 जनवरी को 150 करोड़ और 19 फरवरी को 175 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुका था. भारत में 200 करोड़ टीके की खुराक में से लगभग 71 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में लगाई गई हैं और 48.9% टीके की खुराक महिलाओं को दी गई है, जिससे सभी स्तरों पर समानता सुनिश्चित हुई है.

‘वैक्सीन का प्रभावी उपयोग’ रही सफलता की कुंजी
अधिकारियों का कहना है कि 200 करोड़ वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड, पाइपलाइन में वैक्सीन स्टॉक को कम करते हुए टीके की तेज आपूर्ति, प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में टीकाकरण का दैनिक मूल्यांकन और टीकों की प्रत्येक किश्त के साथ उपलब्ध वैक्सीन स्टॉक की तुलना करके उस राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए अगली डिलीवरी टाइमलाइन की पहचान करना, इत्यादि प्रैक्टिस के जरिए हासिल किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि भारत टीकाकरण की नियमित समीक्षा के माध्यम से अपव्यय को कम करने में कामयाब रहा है और ‘टीके की प्रत्येक खुराक का कुशल उपयोग’ के मंत्र का पालन किया है.

टीकाकरण कार्यक्रम के लिए लगभग 213.5 करोड़ वैक्सीन सीरिंज जुटाए गए थे और सीरिंज की वैश्विक कमी के बीच, मौजूदा 1 मिली और 2 मिली सीरिंज को 0.5 मिली मार्क के साथ कोविड-19 टीकाकरण के लिए उपयोग में लाया गया. 1 मिली, 2 मिली और 3 मिली सीरिंज के कुशल उपयोग के लिए टीकाकरणकर्ताओं का विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया गया. भारत ने अपने वैक्सीन वितरण की रणनीति को मांग और आपूर्ति की वास्तविक रियल टाइम मॉनिटरिंग, वैक्सीन निर्माताओं की उत्पादन क्षमता की नियमित समीक्षा के आधार पर तैयार किया. 2.6 लाख से अधिक टीकाकरणकर्ताओं और 4.7 लाख से अधिक टीकाकरण दल के सदस्यों ने 4.7 लाख से अधिक सरकारी और 22,000 प्राइवेट सेंटरों पर वैक्सीनेशन शुरू किया.


वैक्सीन की समय पर डिलीवरी के लिए सभी विभागों में सामंजस्य
कोविड-19 वैक्सीन की डिलीवरी के लिए स्वास्थ्य और नागरिक उड्डयन मंत्रालय, राज्य सरकारों और वैक्सीन निर्माताओं के बीच शानदार सामंजस्य स्थापित किया गया. फैक्ट्री से निकलने के तीन-तीन दिनों के भीतर देश भर में 60 कंसाइनी पॉइंट्स पर टीके की डिलीवरी सुनिश्चित की गई. मौजूदा मजबूत टीकाकरण आपूर्ति श्रृंखला का लाभ उठाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (eVIN) के माध्यम से सभी वैक्सीन स्टोरों में तापमान की रियल टाइम मॉनिटरिंग की गई. 2020-21 में उपलब्ध कराए गए 26,000 आइस लाइनेड रेफ्रिजरेटर और डीप फ्रीजर के अलावा 29,000 से अधिक लास्ट माइल कोल्ड चेन पॉइंट का उपयोग किया गया.

अधिकारियों ने कहा कि इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि भारत दुनिया की आबादी का लगभग 17.5% है, जिसमें 949 मिलियन वयस्क शामिल हैं और इसलिए उन सभी का टीकाकरण करना एक बेहद कठिन कार्य था. भारत ने 19 अप्रैल, 2020 की शुरुआत में कोविड-19 वैक्सीन के लिए एक उच्च-स्तरीय टास्क फोर्स बनाने और क्रमशः 1 और 2 जनवरी, 2021 को कोविशील्ड और कोवैक्सिन को इमरजेंसी अप्रूवल देकर महामारी से लड़ाई में शानदार तेजी दिखाई. वैक्सीन निर्माताओं को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, वित्तीय सहायता और अग्रिम भुगतान के माध्यम से उत्पादन क्षमता को बढ़ाया गया.

कोविड-19 टीकाकरण अभियान की सफलता का हीरो रहा CoWin पोर्टल
टीकाकरण अभियान का एक अन्य नायक CoWin पोर्टल रहा है, जिसने नागरिकों को टीकाकरण का पालन करने और पहली के बाद समय पर दूसरी खुराक प्राप्त करने के लिए सूचित किया. CoWin पोर्टल ने टीकाकरण के लिए ऑफलाइन, ऑनलाइन और वॉक-इन रजिस्ट्रेशन जैसे विकल्प उपलब्ध कराए. सहायता केंद्रों और कॉल सेंटरों के माध्यम से टीकाकरण केंद्र तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने में सहायता प्रदान की है. इस पोर्टल ने सरकार को टीकाकरण अभियान के कवरेज का मूल्यांकन करने और राज्य स्तर पर प्रत्येक जिले में टीकाकरण की स्थिति जानने में भी मदद की है.

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