नई दिल्ली। एक तरफ दुनिया के बड़े-बड़े देश (big countries of world) इन दिनों गिरती अर्थव्यवस्था (falling economy) और महंगाई (inflation) से जूझ रहे हैं। खाने-पीने (Food and drink) और रहने की लागत आसमान छू (cost of living are skyrocketing) रही है। लेकिन, विकसित देशों की तुलना में भारत का प्रदर्शन काफी बेहतर है। एसबीआई इकोरैप की रिपोर्ट (SBI Ecowrap Report) में यह बात सामने आई है कि अमेरिका, यूके और जर्मनी जैसे कई विकसित देशों की तुलना में भारत में रहने, खाने और ऊर्जा की लागत में बढ़ोतरी काफी कम है। रिपोर्ट की मानें तो भारत में महंगाई का दुष्प्रभाव अन्य देशों के मुकाबले कम रहा है।
दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से विकसित होती दुनिया और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में रहने की लागत में वृद्धि हुई है, लेकिन वैश्विक मुद्रास्फीति के बीच अनिश्चितता के युग में भारत का प्रदर्शन काफी बेहतर है।
क्या कहती है रिपोर्ट
इकोरैप ने भारतीय 100 रुपये के आधार पर कई देशों में रहने की लागत का अध्ययन किया है। इस आधार पर कहा गया है कि अगर सितंबर, 2021 में इन देशों में रहने की लागत सौ रुपये है तो इसमें जर्मनी में 20 रुपये, ब्रिटेन में 23 रुपये और अमेरिका में 12 रुपये की वृद्धि हुई है। भारत में यह वृद्धि 12 रुपये की है।
खाद्य कीमतों में अमेरिका और जर्मनी सबसे महंगे
वहीं, खाद्य कीमतों की बात करें तो यहां अमेरिका और जर्मनी सबसे महंगे देश हैं। यहां भी भारत में खाद्य कीमतों की लागत काफी कम है। रिपोर्ट के अनुसार, 100 रुपये अगर कीमत है तो अमेरिका में 25 रुपये, ब्रिटेन में 18 रुपये, जर्मनी में 33 रुपये और भारत में 15 रुपये की वृद्धि हुई है। इसी तरह से रहने की लागत की बात करें तो अमेरिका में 21 रुपये, ब्रिटेन में 30 रुपये, जर्मनी में 21 रुपये और भारत में सिर्फ छह रुपये की वृद्धि हुई है।
ऊर्जा कीमतों में अमेरिका से महंगा भारत
वहीं, ऊर्जा कीमतों के मामले में अमेरिका में 12 रुपये, ब्रिटेन में 93 रुपये, जर्मनी में 62 रुपये और भारत में 16 रुपये की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में आकलन के आधार पर कहा जा सकता है कि दुनिया के अधिकांश विकसित देशों में रहने व खाने की लागत काफी बढ़ गई है, लेकिन भारत में यह वृद्धि इनके मुकाबले कम है।