इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इंदौर क्राइम ब्रांच ने ब्लैकमेल करने वाली सेक्सटार्शन गैंग का किया खुलासा

इंदौर: इंदौर क्राइम ब्रांच (Indore crime branch) ने आज सेक्सटॉर्शन गैंग (sextortion gang) के सदस्यों को गिरफ्तार किया है. यह गैंग शातिराना अंदाज में देश में कई लोगों को अपने जाल में फंसा कर ब्लैक मेलिंग कर रहे थे. इस गैंग के आरोपी राजस्थान के भरतपुर जिले (Bharatpur district of Rajasthan) के कामा से गिरफ्तार हुए हैं. पुलिस द्वारा गिरफ्तार शातिर गैंग के चारों आरोपी अच्छों अच्छों को अपनी जाल में फंसा कर उनकी जेब ढीली कर देते थे.

दरअसल इस शातिर गैंग के सदस्य पहले तो फेसबुक, इंस्ट्राग्राम सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी सिम कार्ड के माध्यम से महिला के नाम से फेक आईडी बनाकर लोगों से दोस्ती करने हेतु उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते थे. जैसे ही लोग इनके झांसे में आ जाते थे. यह लोग उन्हें विश्वास में लेकर उनका पर्सनल नंबर भी ले लेते थे. उसके बाद व्हाट्सएप पर वीडियो कॉलिंग शुरू कर देते थे.


महिला की प्रोफाइल होने के चलते लोग इन पर विश्वास भी कर लेते थे. लेकिन यह विश्वास उनके लिए कितना घातक होगा शायद वह नहीं जानते थे. धीरे-धीरे करके गैंग के सदस्य संबंधित का न्यूड वीडियो बना लेते थे. उसके बाद शुरू हो जाता था. इनके ब्लैकमेलिंग का धंधा, जो इनकी जाल में फंस जाता था. उनसे मोटी रकम मांगने का सिलसिला जारी हो जाता था. ना देने पर न्यूड रिकॉर्डिंग वायरल करने की धमकी दी जाती थी. लेकिन अब यह शातिर गैंग सलाखों के पीछे पहुंच गई.

दरअसल इंदौर के एक निजी कॉलेज में काम करने वाले एक स्टोर मैनेजर ने इस गैंग की धमकियों से परेशान होकर पिछले महीने की आत्महत्या कर ली थी. मृतक इन गैंग के जाल में फंस चुका था. गैंग के सदस्य उसको लगातार टॉर्चर कर रहे थे. लगातार ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर निजी कॉलेज के स्टोर मैनेजर ने पिछले महीने आत्महत्या कर ली. पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी. जिसके बाद कड़ी से कड़ी मिलना शुरू हो गई. स्टोर मैनेजर के मोबाइल से पता चला कि एक नंबर से लगातार वीडियो कॉलिंग से बात हो रही थी.

पुलिस ने जब नंबर की जांच की तो वह नंबर कुमारी वंदना (सीतापुर) के नाम से मिला. जब पुलिस टीम सीतापुर पहुंची तो पता चला इस नाम से कोई महिला नहीं है और सिम एक दिन पहले ही जारी हुआ है. वहीं कैफे पर लिखा अल्टरनेट नंबर भी किसी महिला के नाम से था, जो फर्जी निकला.

मामले में पुलिस ने क्राइम ब्रांच से सहायता ली और आइपी एड्रेस के आधार पर छानबीन शुरू हुई. पुलिस को अंतिम लोकेशन भरतपुर के कामा की मिला. सोमवार को टीम कामा पहुंची और रईस को हिरासत में लिया. जिसने चार साथियों के नाम बताए. पुलिस ने भरतपुर पुलिस की मदद से चार लोगों को हिरासत में ले लिया. इस गिरोह द्वारा कई लोगों को ब्लैकमेल किया गया है. बताते हैं रुपये निकालने के लिए इनके पास खुद का एटीएम है. भरतपुर में लगभग सभी राज्यों की पुलिस इनकी तलाश में आती रहती है.

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