इंदौर न्यूज़ (Indore News)

INDORE : राजपुताना पैलेस छोड़ा, गेट और बाउंड्री वॉल ही तोड़ी

 


– सुबह 5 बजे प्रशासन और निगम का अमला कैलोद करताल में कार्रवाई के लिए हुआ रवाना
– 20 साल पहले 5-5 हजार स्क्वेयर फीट के प्लॉट बेचे …बाद में मैरिज गार्डन बनाकर कब्जा कर लिया
– 80 से ज्यादा लोगों को प्लॉट बेचे लेकिन कुछ ही लोगों को कब्जा मिला बाकी हो रहे थे परेशान
– गेट तोडक़र प्रवेश किया, आसपास के निर्माण तोडऩे के साथ कार्रवाई
– गोशाला और कुत्तों का आशियाना भी बना रखा था
इन्दौर।  आज सुबह 5 बजे नगर निगम और पुलिस विभाग का भारी-भरकम अमला कैलोद करताल में फॉर्म हाउस की जमीन पर बनाए गए मैरिज गार्डन के कब्जे को हटाने के लिए पहुंचा। कई प्रशासनिक, पुलिस और निगम अफसरों ने मैरिज गार्डन की बाउंड्रीवॉल तोडऩे की कार्रवाई शुरू की और गार्डन के आसपास हुए निर्माणों को जेसीबी, पोकलेन से ढहाते हुए वहां बनाई गई गोशाला और कुत्तों के आशियाने भी ढहा दिए गए। आसपास की कई जमीनों की बाउंड्रीवॉल तोडऩे का काम शुरू कराया।
दो दिन पहले कैलोद करताल क्षेत्र में जमीन को लेकर कई लोगों ने कलेक्टर मनीषसिंह को शिकायत की थी कि उन्हें वर्ष 1992 में 5-5 हजार स्क्वेयर फीट के प्लॉट बेचे गए थे। बदले में कई लोगों को रसीद देने के साथ-साथ पूरा भुगतान करने पर रजिस्ट्री भी कर दी गई थी। कुछ लोगों को उनकी जमीनों के कब्जे मिल चुके थे, जबकि कई लोगों को जमीनों के कब्जे नहीं मिले थे। सेंगर पर आरोप है कि उसने प्रताप भवन के आसपास मैरिज गार्डन बना लिया और उस जमीन पर कई लोगों के प्लॉट थे, जिस पर उसका कब्जा रहा। वह प्लॉटधारकों को वहां प्रवेश भी नहीं करने नहीं दे रहा था, जिसके चलते मामला न्यायालय में भी दायर किया गया था। निगम मुख्यालय पर सुबह 5 बजे रिमूवल अमले को आने की हिदायत दी गई थी। इसके साथ ही भंवरकुआं और आसपास के थानों का पुलिस बल भी बुलवाया गया। वहीं निगम मुख्यालय से निगम का फौजपाटा भी कई गाडिय़ों के साथ पहुंच चुका था।


कब्जे हटाकर जल्द शुरू करेंगे प्लाट आवंटन
सीमांकन, बटांकन का कार्य और रिकार्डों की छानबीन के बाद संबंधित प्लाट मालिकों को उनके प्लाट आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हालांकि आज और कल संभवत: कब्जे हटाने में ही दो दिन बीत जाएंगे और उसके बाद प्लाटों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगाी। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग एक सप्ताह का समय लगने की उम्मीद है।


रजिस्ट्रियां लेकर पहुंच गए प्लॉटधारक
जब मैरिज गार्डन के मालिक सेंगर और उनके वकील द्वारा प्रशासनिक कार्रवाई का यह कहकर विरोध किया जा रहा था कि मैरिज गार्डन अनबिके प्लॉटों पर बना है। इसी बीच कई प्लॉटधारक भी वहां पहुंच गए और प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर निगम के अफसरों को अपने कागजात, नक्शे और रजिस्ट्री बताई। कुछ प्लॉटधारकों का आरोप था कि उनके 5-5 हजार स्क्वेयर फीट के प्लॉटों पर प्रताप भवन के नाम से मैरिज गार्डन बनाकर उसका संचालन किया जा रहा है। वर्ष 1992 में 5-5 हजार स्क्वेयर फीट के प्लॉट फॉर्म हाउस के लिए उक्त कृषि भूमि से बेचे गए थे। अब वहां हुए निर्माणों को तोडक़र प्लॉटधारकों को प्लॉट आवंटित करने का रास्ता भी इससे साफ हो जाएगा। प्लॉट आवंटन की प्रक्रिया एक सप्ताह तक चल सकती है।


आज ही 50 लोगों को आव्टित करेगे प्लाट एसडीएम
एसडीएम अक्षत मरकाम ने बताया कि आज ही जमीन के मामले को क्लीयर कर पचास लोगों को प्लाट आवंटित करने की प्रक्रिया की जाएगी और इसके लिए संबंधित अधिकारियों से दोपहर तक पूरे मामले की पड़ताल करवा ली जाएगी और उसके बाद प्लाट आवंटन शुरू किया जाएगा।

भवन का सामान हटाने की कार्रवाई शुरू कराई
प्रशासन, पुलिस और निगम के अधिकारियों ने वहां पहुचंने के बाद सबसे पहले पूरे क्षेत्र का निरीक्षण किया और उसके बाद विभिन्न परिसरों से सामान हटवाने की कार्रवाई शुरू कराई और फिर चार से पांच जेसीबी लगाकर बाउंड्रीवाल और अन्य निर्माण तोडऩा शुरू कर दिए। इस दौरान पूरे क्षेत्र में चारों और पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए थे।


पूरे परिसर में तीन बड़े निर्माण
मैरिज गार्डन के पूरे परिसर में विशाल काय लॉन के साथ-साथ प्रताप भवन, क्लब हाउस के साथ-साथ वहां आने वालों के लिए ठहरने के लिए कई कमरों वाले निर्माण हैं। प्लाट धारकों का आरोप है कि यह उनको आवंटित किए गए प्लाटों के हिस्से पर बनाया गया। अधिकारी मौके पर इसकी पड़ताल कर रहे हैं। इसके बाद ही आला अधिकारी यह तय करेंगे कि तीनों निर्माण तोड़े जाने है अथवा नहीं, जबकि मैरिज गार्डन के आसपास के हिस्सों में भी काफी जमीन खाली पड़ी हैं, प्लाटो की सूचियों की जानकारियां भी लेकर अफसरो को पूरा मामला बता रहे हैं।

मैरिज गार्डन के साथ-साथ वहां ठहरने के लिए 15 से 20 भव्य कमरे भी बनाए थे
प्रताप भवन के ठीक पीछे के हिस्से में कई कक्षों का निर्माण किया गया था, जिनकी संख्या 15 से 20 के आसपास है और साथ ही प्रताप भवन में भी कक्ष मैरिज गार्डन में आने वालों के लिए बने हुए थे। हालांकि समाचार लिखे जाने तक अधिकारी बाउंड्रीवाल और आसपास का निर्माण तोडऩे में ही जुटे थे। अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है कि प्रताप भवन और उसके पीछे बनाए गए कक्षों को तोड़ा जाना है या नहीं।

मैरिज गार्डन के साथ-साथ वहां ठहरने के लिए 15 से 20 भव्य कमरे भी बनाए थे
प्रताप भवन के ठीक पीछे के हिस्से में कई कक्षों का निर्माण किया गया था, जिनकी संख्या 15 से 20 के आसपास है और साथ ही प्रताप भवन में भी कक्ष मैरिज गार्डन में आने वालों के लिए बने हुए थे। हालांकि समाचार लिखे जाने तक अधिकारी बाउंड्रीवाल और आसपास का निर्माण तोडऩे में ही जुटे थे। अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है कि प्रताप भवन और उसके पीछे बनाए गए कक्षों को तोड़ा जाना है या नहीं।


गोशाला भी तोड़ी
प्रताप भवन के ठीक पीछे मैरिज गार्डन के पास क्लब हाउस बना हुआ है और क्लब हाउस के पीछे बनी गोशाला में कई अलग-अलग नस्ल की गायें पाली जा रही थीं। वहां से गायें खुलवाई गईं और उन्हें अन्य स्थानों पर बांधा गया, इसके बाद टीनशेड से बनाई गई गोशाला ध्वस्त कर दी गई और उसके समीप ही डॉग हाउस भी तोड़ दिया गया।

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