पुलिस की गिरफ्त में आया… 60 से अधिक भूखंडधारकों को मिल सकेगा न्याय… 10 करोड़ का लोन कबाड़ा
इंदौर। जो फरार भूमाफिया (Bhumafia) हैं उनमें शामिल केशव नाचानी (Keshav Nachani) को विशेष जांच दल यानी एसआईटी ने उदयपुर (Udaipur) से गिरफ्तार कर लिया है, जहां वह एक फार्म हाउस में छुपा था। हनी-टनी (Honey-Tuni) के नाम से मशहूर दोनों के खिलाफ पुलिस-प्रशासन ने एफआईआर दर्ज करवा रखी है। एक तो पहले ही गिरफ्त में आ गया, दूसरा कल पकड़ाया, जिसमें पुष्प विहार (Pushp Vihar) की एक लाख स्क्वेयर फीट से अधिक जमीन कबाड़ ली और उस पर 10 करोड़ रुपए का बैंक से लोन भी ले लिया, जिसके चलते बैंक ने कुछ समय पूर्व यह गिरवी रखी जमीन अपने कब्जे में ले ली। हनी-टनी की शहर के चर्चित मॉल मालिक से भी पार्टनरशिप रही है और अभी पुलिसिया पूछताछ में उसके सहित अन्य रसूखदारों के नाम भी नाचानी ने उगले हैं। दीपक मद्दे (Deepak Madde) के करीबी रहे नसीम हैदर से ही नाचानी को 60 से अधिक पीडि़तों के भूखंडों की रजिस्ट्री करवा दी थी और उसने अपनी फर्म जी नेक्स्ट टेलीकॉम के नाम से इस जमीन को बंधक रख बैंक से लोन कबाड़ लिया।
कुछ साल पहले अग्निबाण ने ही केशव नाचानी (Keshav Nachani) के इस भू-घोटाले को उजागर किया था। दरअसल इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) ने बंधक रखी गई इस जमीन को अपने कब्जे में ले लिया था और प्रशासन के समक्ष बैंक वसूली का प्रकरण दायर किया था, जिसकी जांच तत्कालीन एडीएम अजयदेव शर्मा ने तीन साल पहले की थी। इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना 171 में भी शामिल यह जमीन केशव नाचानी ने मेसर्स जी-नेक्स्ट टेलीकॉम प्रा.लि. के नाम से लेकर उसे बैंक में बंधक रख दिया। सर्वे नं. 92/1, 92/2, 92/3, 92/4 से 92/6 और 93 सर्वे नम्बर की 1.013 हैक्टेयर यानी 1 लाख स्कवेयर फीट से अधिक जमीन मजदूर पंचायत गृह निर्माण से खरीदी, जिसकी रजिस्ट्री नाचानी के पक्ष में 31.05.2006 को करवाई गई। इस जमीन को दिलवाने में मॉल संचालक की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही और जो जमीन नाचानी को बेची गई, वह असल में 60 से अधिक भूखंडों की जमीनें थी, जिनकी रजिस्ट्रियां मजदूर पंचायत पहले ही कर चुकी थी, लेकिन भूमाफियाओं ने जिस तरह अन्य संस्थाओं की जमीनें बडृे-बड़े टुकड़ों में बेच दी, उसी तरह 1 लाख स्क्वेयर फीट से अधिक पुष्प विहार की जमीन भी नाचानी को बेच डाली। बाद में जी नेक्स्ट टेलीकॉम ने इलाहाबाद बैंक की न्यू पलासिया शाखा से 10 करोड़ रुपए का लोन हासिल कर लिया और बदले में ये जमीन बंधक रख दी, लेकिन नवम्बर 2010 में जी-नेक्स्ट टेलीकॉम सहित अन्य फर्मों-कम्पनियों पर आयकर विभाग ने छापे डाले और एक साल तक सारे बैंक खाते भी सीज कर दिए, जिसके चलते नाचानी को तगड़ा नुकसान उठाना पड़ा और वह बैंक से लिए गए लोन को भी नहीं भर सका और उसी दौरान उसने जिन दो मॉलों का अनुबंध किया था, वह भी उसे छोडऩा पड़ा। उधर, इलाहाबाद बैंक ने लिए गए 10 करोड़ के लोन के बदले बंधक रखी गई पुष्प विहार की जमीन को अपने कब्जे में ले लिया और उस पर बोर्ड लगा दिया, तब पीडि़तों को पता चला कि उनके भूखंडों की जमीन बैंक में गिरवी रखी पड़ी है, जिस पर 10 करोड़ रुपए का लोन ले लिया है। हालांकि यह भी जांच का विषय है कि बैंक ने प्राधिकरण की योजना में शामिल और संस्था की जमीन पर कैसे 10 करोड़ का लोन दे दिया? पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि जरूरत पडऩे पर बैंक के अधिकारियों को भी इस मामले में आरोपी बनाएंगे, क्योंकि जिस वक्त लोन दिया गया, तब जमीन की इतनी कीमत भी नहीं थी और इस संबंध में ना तो संस्था से और ना ही प्राधिकरण से कोई पूछताछ की या एनओसी ली।
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