इंदौर न्यूज़ (Indore News)

14 दवाओं पर प्रतिबंध से इंदौर की फार्मा कम्पनियों को 100 करोड़ का फटका, नष्ट करना पड़ेंगी दवाइयां

बेचने वालों से सारी दवाएं वापस लेंगी दवा कम्पनियां

इंदौर। इंदौर के दवा निर्माता संगठनों के अनुसार फिक्स डोज कॉम्बिनेशन वाली 14 दवाओं पर प्रतिबंध लगा देने से इंदौर की लगभग 25 फार्मा कम्पनियों को 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का फटका लगा है। इन कम्पनियों को दवा बेचने वालों से अपना जहां सारा प्रतिबंधित पुराना मेडिसिन स्टॉक वापस लेना पड़ेगा तो वहीं गोडाउन में जो दवाएं, ड्रग्स और प्रिंटेड पैकिंग आइटम तैयार पड़े हैं, अब उन्हें नष्ट करना पड़ेगा।
उद्यमी दवा निर्माताओं के संगठन फेडरेशन फार्मा एंटरप्रेन्योर मध्यप्रदेश के चेयरमैन हिमांशु शाह के अनुसार इंदौर – पीथमपुर की लगभग 25 फार्मा कम्पनियां हैं, जो फिक्स डोज कॉम्बिनेशन वाली मेडिसिन बनाती हैं। फिक्स डोज कॉम्बिनेशन वाली दवाएं बनाने वाली सभी छोटी फार्मा कम्पनियां हैं। सबसे ज्यादा नुकसान इन्हीं कम्पनियों को हुआ है।


क्या होती हैं एफडीसी दवाएं

फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) ऐसी दवाएं होती हैं, जो दो या दो से अधिक दवाओं को मिलाकर तैयार की जाती हैं। यह सर्दी, खांसी, बदन दर्द, बुखार के इलाज के लिए ज्यादा इस्तेमाल की जाती हैं। केंद्र सरकार द्वारा गठित दवा विशेषज्ञ समिति का दावा है कि इन फिक्स डोज कॉम्बिनेशन दवाओं का कोई भी वैज्ञानिक मापदंड तय नहीं है। इनसे फटाफट आराम तो मिलता है, मगर बीमारी ठीक नहीं होती, बल्कि इसके साइड इफेक्ट भी होते हैं। इन दवाओं पर भारत को छोडक़र सारी दुनिया में प्रतिबंध लागू है। इसलिए ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक अधिनियम-1940 की धारा 26 के तहत प्रतिबंध लगाना जरूरी है। इसके बाद केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते इन 14 दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया।

इन ड्रग्स और दवाओं पर लगा है प्रतिबंध

केंद्र सरकार ने जिन ड्रग्स और दवाओं पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें निमेसुलाइड, पैरासिटामॉल गोलियां, क्लोफेनिरामाइन मैलेट, कोडीन सिरप, फोल्कोडाइन, प्रोमेथाजीन एमोक्सिसिलिन, ब्रोमहेक्सिन, डेक्स्ट्रोमेथोर्फन, अमोनियम क्लोराइड, मेन्थॉल जैसे संयोजन फिनाइलफ्राइन, क्लोरफेनिरामाइन गुआइफेनेसिन और सालबुटामोल ड्रग्स व दवाओ के कॉम्बिनेशन शामिल हैं।
पिछले हफ्ते सरकार ने जिन 14 दवाओं और ड्रग्स पर प्रतिबंध लगाया है उनकी बिक्री तत्काल रोक दी गई है। इसके बाद दवा बनाने वाली फार्मा कम्पनियां न सिर्फ पुराना सारा माल वापस लेने के लिए ही नहीं, बल्कि जीएसटी सहित उसकी कीमत पर माल वापस भेजने के लिए वाहन का भाड़ा भी देने को तैयार हैं।

गोविंद पसारी, एक्जीक्यूटिव मेम्बर, ऑल इंडिया केमिस्ट एसोसिएशन

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