खाना पूछने गई…फांसी के फंदे पर झूल रहा था, दरवाजा तोड़ा, फंदे से उतारा
इंदौर। कहते हैं मौत (Death) भी समय आने पर नसीब होती है। एक शख्स जान देने के लिए फांसी (hanging) के फंदे पर झूल गया। उसकी बहू को याद आया कि उन्होंने खाना (food) नहीं खाया तो वह खाने के लिए उसे बुलाने गई, लेकिन वह दरवाजा बंद कर फंदे पर लटक चुका था। बहू ने जैसे-तैसे पति के साथ मिलकर दरवाजा तोड़ा, फिर उसे फंदे से उतारा। उक्त शख्स की हालत नाजुक (delicate) बनी हुई है।
नेहरू नगर (Nehru Nagar) के रहने वाले प्रदीप पिता करणसिंह को फांसी के फंदे से उतारकर एमवाय अस्पताल (MY Hospital) लाया गया, जहां उसका इलाज जारी है। प्रदीप अभी बेहोश है। पिता करण ने बताया कि कल प्रदीप का पत्नी से विवाद (dispute) हुआ तो वह उज्जैन (Ujjain) स्थित मायके चली गई। इसके बाद प्रदीप दूसरी मंजिल स्थित अपने कमरे में गया और दरवाजा अंदर से बंद कर कपड़े से फांसी का फंदा बनाया और उस पर झूल गया। उसके छोटे भाई की पत्नी को याद आया कि जेठ और उनकी पत्नी के बीच विवाद हुआ था। वह चली गई। जेठ बिना खाना (food) खाए ही सो जाएंगे तो वह जेठ को देखने के लिए ऊपर कमरे पर गई। वह दरवाजा नहीं खोल रहा था। काफी देर तक खटखटाने के बाद भी दरवाजा नहीं खोला तो उसे अनहोनी (untoward) की शंका लगी। उसने पति को बुलाया और दरवाजे को तोडक़र दोनों अंदर गए। देखा तो प्रदीप फांसी के फंदे पर लटक रहा था। तत्काल फंदा काटा और फिर उसे उतारकर अस्पताल (Hospital) ले जाया गया। प्रदीप रिश्तेदार वकील के पास क्लेम से संबंधित काम करता है।
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