इंदौर न्यूज़ (Indore News) मध्‍यप्रदेश

50 सीएनजी बसें इन्दौर को मिलेंगी, 50 फीसदी यात्री ही मिल रहे हैं अभी

  • कोरोना के चलते घटी संख्या, 80 हजार तक अभी कर रहे हैं सफर, जबकि पहले पौने तीन लाख तक पहुंच गया था आंकड़ा

इन्दौर। 400 नई सीएनजी बसें (CNG Bus) इन्दौर (Indore) को मिलना थी, लेकिन कोरोना (Corona) के कारण उसमें भी विलंब हो गया। मगर अब उनमें से 50 बसों (Bus)  की पहली खेप अगस्त (Agust) के पहले पखवाड़े में प्राप्त हो जाएगी। दूसरी तरफ बीआरटीएस (BRTS)कॉरिडोर (Corridor) के अलावा अन्य रूटों पर आई और सिटी बसें चलाई जा रही हैं, मगर 50 फीसदी से भी कब यात्री अभी मिल रहे हैं। 80-90 हजार यात्री ही इन बसों (BUS )में सफर कर रहे हैं, जबकि कोरोना (Corona)के पहले यह आंकड़ा पौने तीन लाख यात्री (passenger) प्रतिदिन पहुंच गया था। 400 सीएनजी बसें सिटी बसों (City bus) के बेड़े में शामिल करने का मकसद रोजाना 5 लाख यात्रियों को ढोने का रहा।


बीआरटीएस कॉरिडोर पर जहां वातानुकूलित आईबसें संचालित की जा रही हैं, वहीं शहर के अन्य मार्गों पर मिडी और बड़ी सिटी बसें चलती हैं, मगर कई मार्ग तो अभी इसीलिए शुरू नहीं किए, क्योंकि यात्रियों का टोटा है। अभी 27 और मार्गों पर बसें शुरू की जाना हैं, जिसमें रेलवे स्टेशन से इंडोरामा, गांधीनगर से कैट रोड, गंगवाल बस स्टैंड से विजयनगर, हवा बंगला से खजराना, देवासनाका से सिरपुर व अन्य रूट शामिल हैं। एआईसीटीएसएल के सीईओ और निगम के अपर आयुक्त संदीप सोनी के मुताबिक 400 सीएनजी बसें भी इन्दौर को मिलना है, लेकिन कोरोना के कारण यह बसें नहीं आ सकीं। अब इनमें से 50 बसें अगस्त के पहले पखवाड़े में मिल जाएंगी और प्रयास यह किए जा रहे हैं कि 15 अगस्त या उसके बाद यह 50 सीएनजी बसें शुरू कर दी जाए। केंद्र सरकार शहरों में प्रदूषण घटाने के लिए सीएनजी बसों को बढ़ावा दे रही है, जिसके चलते एआईसीटीएसएल को यह चार सौ बसें मिल रही हैं। अभी जो आई बसें और अन्य मार्गों पर सिटी बसें दौड़ रही हैं, उनमें 50 फीसदी यात्री नहीं मिल रहे हैं। इसके कारण आपरेटरों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। दरअसल अभी शैक्षणिक गतिविधियां भी पूरी तरह से खुली नहीं है और इन्दौर में 3 से 4 लाख बाहरी स्टूडेंट पढ़ते हैं, जो अधिकांश इन सिटी बसों में ही सफर करते हैं, जिसके कारण भी यात्रियों की संख्या में कमी बनी हुई है। अभी बीआरटीएस कॉरिडोर पर 20 से 25 हजार यात्री मिल रहे हैं, जबकि उसके पहले 60-70 हजार यात्री संख्या थी। इसी तरह सभी सिटी बसों में 90 हजार तक यात्री संख्या है, जो कोरोना से पहले पौने तीन लाख तक पहुंच गई थी।

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