विधि- विधान से किया तर्पण, हर की पौड़ी पर होगा विसर्जन
इन्दौर। परिवार द्वारा ठुकराए गए बुजुर्गों और लावारिस (elderly and abandoned) मृत शरीरों के दाह संस्कार (cremation) के बाद अब इंदौरी (indori) युवा ( youth) मृत आत्माओं (dead souls) को मोक्ष दिलाने के लिए तर्पण और पिंडदान के बाद विर्सजन भी करेंगे। विधि- विधान से जहां आज सुबह कृष्णपुरा छत्री पर अंतिम क्रियाएं की गईं, वहीं उन्हें छोटी-छोटी पोटलियों में पैक कर विर्सजन के लिए तैयार किया गया।
वर्तमान ही नहीं अपने परभव को तारने के लिए इंदौरी युवा आगे आ रहे हैं। नाम गुप्त रखते हुए जहां परिवार द्वारा त्यागे गए बुजुर्गों को संभालने का काम कर रहे हैं, वहीं गंभीर बीमारियों से पीडि़तों की सेवा और फिर उनके अंतिम समय में अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी भी उठा रहे हैं। संस्था महांकाल सेवा फाउंडेशन से जुड़े युवाओं ने जनवरी से लेकर अब तक 100 से अधिक दाह संस्कार किए है। 30 ऐसे शव, जो अपनों की ही हिकारत का शिकार हुए, उन्हें जहां मुखाग्नि दी गई, वहीं ऐसे लावारिस शव, जो नगर निगम या प्रशासन के समक्ष आए हैं, उन्हें भी अंतिम यात्रा के लिए इन युवाओं के चार कांधे नसीब हो गए। संस्था ने आज अस्थियों का विर्सजन-तर्पण और अस्थि पूजन किया।
नाम नहीं… पितृों का आशीर्वाद चाहिए
नाम न छापने की शर्त पर संस्था के संरक्षक ने बताया कि वे पिछले चार साल से ये काम कर रहे हैं। लगभग 350 से ज्यादा अंतिम संस्कार और अस्थि विसर्जन कर चुके हैं। शहर में कहीं भी कोई लावारिस मृत देह मिलती है तो संस्था सबसे पहले आगे आकर उनके अंतिम संस्कार में अपना योगदान देती है। आज 100 से अधिक मृत आत्माओं को हरिद्वार स्थित हर की पौड़ी पर विसर्जन किया जाएगा, जिसके लिए संस्था ने पूर्व में ही तैयारियां कर ली थीं। युवाओं का कहना है कि वे ये काम नाम के लिए नहीं पितृृों के आशीर्वाद के लिए कर रहे हैं।
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