- वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो ने जारी किया रेड अलर्ट
भोपाल। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में टाइगर का शिकार कर गर्दन काटकर ले जाने की घटना ने दिल्ली तक को हिलाकर रख दिया है। वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो ने बाघों के शिकार के खतरे को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। मप्र के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, पेंच टाइगर रिजर्व, कान्हा समेत देश के 13 टाइगर रिजर्व और फॉरेस्ट क्षेत्रों में यह रेड अलर्ट जारी किया है। जहां बाघ रहते है। इन क्षेत्रों में डब्ल्यूसीसीबी के एडिशनल डायरेक्टर एचवी गिरिशा ने सभी टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर और संबंधित अधिकारियों को तुरंत गश्त तेज करने और चिन्हित संवेदनशील क्षेत्रों में चौकसी बढ़ाने के निर्देंश दिए है।
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 26 जून को टाइगर का गर्दन कटा शव मिला। पिछले एक सप्ताह में देश में टाइगर की मौत की सबसे बड़ी घटना है। जिसे लेकर 29 जून को एडिशनल डायरेक्टर एचवी गिरिशा ने रेड अलर्ट का पत्र जारी किया। जिसमें उल्लेख किया कि विश्वसनीय इनपुट और हाल ही में हुई बरामदगी के खुलासे के आधार पर संगठित शिकार गिरोह आसपास सक्रिय देखे गए हैं। सभी टाइगर रिजर्व के फील्ड निदेशकों और बाघ प्रजनन क्षेत्रों सहित बाघ रिजर्व के बाहरी क्षेत्रों से संबंधित अधिकारियों को सचेत किया है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, पेंच, कान्हा टाइगर रिजर्व, ताडोबा, कार्बेट, अमानगढ़, पीलीभीत, वाल्मिकी, राजाजी और गढ़चिरौली, चंद्रपुर जैसे बाघ वाले क्षेत्र के सभी टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर और संबंधित अधिकारी तुरंत गश्त तेज बढ़ाने, चिन्हित संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा करने के निर्देंश दिए है।
संदिग्ध खानाबदोश लोगों की करें तलाश
टेंटों, मंदिरों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों, परित्यक्त इमारतों, सार्वजनिक आश्रय स्थलों में संदिग्ध खानाबदोश लोगों की तलाश व संबंधित सभी पुलिस थानों के अधिकारियों को सूचित करने के निर्देंश दिए है।
टाइगर के शिकार की उच्चस्तरीय जांच की मांग
बाघ शिकार की बढ़ती घटनाओं को लेकर वन्य प्राणी विशेषज्ञ अजय दुबे ने प्रबंधन एवं अफसरों की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। दुबे ने कहा कि एसटीआर कोर एरिया चूरना रेंज में शिकारी बाघ का सिर काटकर ले गए, लेकिन अफसर जानकारी छिपाते रहे। पिछले एक माह से चूरना रेंज में गौर (बायसन ) को संजय टाइगर रिजर्व शिफ्ट करने के लिए एफडी और तमाम अफसर घूम रहे थे, तभी शिकारी कोर एरिया चूरना में शिकार कर बाघ का सिर लेकर फरार हो गए, यह शर्मनाक और अपराधिक लापरवाही है। दुबे ने कहा एपीपीसीएफ पर पदोन्नत होने के बावजूद सीसीएफ रैंक के पद फील्ड डायरेक्टर पर जमे हुए है। कृष्णमूर्ति के कार्यकाल में जानलेवा बाघ इंसान संघर्ष और बाघों सहित अन्य वन्य प्राणियों का शिकार रुका नहीं है। सरकार तत्काल पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ और एसटीआर फील्ड डायरेक्टर कृष्णमूर्ति को हटाकर सीबीआई जांच कराए। पूर्व में 2015 में इसी चूरना रेंज में अंतराष्ट्रीय तस्कर जे तमांग बाघ पैंगोलिन के शिकार में पकड़ा गया, वन विभाग की लापरवाही से वह सालों से फरार है। सरकार जागे, वरना सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अगला पन्ना टाइगर रिजर्व बनेगा, जहां साल 2008 में सारे बाघों का सफाया हुआ था, जरूरत पड़ी तो हम हाई कोर्ट में इस मामले में याचिका दायर करेंगे।