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रबी अभियान में क्षतिग्रस्त फसलों पर बीमा कंपनी ने जारी किया 2.78 करोड़

हमीरपुर। पिछले एक साल से फसल क्षतिपूर्ति की बाट जोह रहे किसानों के लिए राहत भरी खबर है। रबी अभियान में बेमौसम बारिश से सर्वाधिक किसानों का नुकसान हुआ। तब कृषि विभाग में फसल बीमा कराने वाले 247 किसानों ने दावे किए। लेकिन जनपद में कार्य कर रही यूनाइटेड इंश्योरेंस फसल बीमा कंपनी ने 147 दावे निरस्त कर मात्र 97 किसानों को करीब 10 लाख क्षतिपूर्ति देकर पल्ला झाड़ लिया।

इधर संबंधित बीमा कंपनी ने दो करोड़ 78 लाख की धनराशि जारी कर दी है। अभी लाभांवित किसानों की सूची उपलब्ध नहीं हुई है। इसके चलते फसल बीमा कराने वालों में सूची आने का बेसब्री से इंतजार है। उधर खरीफ सीजन वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री फसल बीमा से जुड़े 9 हजार 386 किसानों को 5 करोड़ 80 लाख का फसल बीमा क्लेम यूनीवर्सल सोम्पो बीमा कंपनी ने दिया है।


खरीफ अभियान में कुल 37 हजार 305 किसानों ने फसल बीमा कराया था। इन किसानों ने एक करोड़ 73 लाख 63 हजार 35 रूपये प्रीमियम के रूप में जमा किया था। कहा कि 35797 ऋणी कृषक व 1508 गैर ऋणी किसान शामिल हैं। जिसमें अब तक कुल 9679 किसानों को करीब 6 करोड़ की धनराशि क्षतिपूर्ति के रूप में संबंधित बीमा कंपनी ने जारी की है।

जिला कृषि अधिकारी डॉ.सरस कुमार तिवारीने शनिवार को बताया किबीमा कंपनी ने रबी अभियान में क्षतिग्रस्त फसलों पर 2.78 करोड़ रुपये जारी किए हैं। वहीं खरीफ सीजन में 9 हजार 386 किसानों के खातों में पांच करोड़ 80 लाख रुपये फसल बीमा क्षतिपूर्ति के रूप में भेजा गया है। खरीफ में पहले 293 किसानों को 19 लाख 45 हजार क्षतिपूर्ति भेजी जा चुकी है।
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इन आपदाओं में मिलता है लाभ
– मौसम प्रतिकूल होने पर फसल की बुवाई न कर पाने की स्थिति में।
– फसलों को प्राकृतिक आपदा जैसे सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, बिजली, तूफान, भूस्खलन, चक्रवात या फिर अन्य आपदाओं पर।
– फसल की कटाई के बाद 15 दिनों तक खेत में सुखाने के लिए रखी फसल को बेमौसम बारिश, चक्रवात नुकसान होने पर।
– फसल नुकसान होने के 72 घंटे के अंदर किसान को अपनी फसल का दावा संबंधित बीमा कंपनी को करना होता है।
– अधिक मात्रा में आपदा आने पर राजस्व विभाग व कृषि विभाग की टीमें भी करती हैं फसलों का सर्वे।
– हर वर्ष कृषि विभाग सभी ग्राम पंचायतों में कराते हैं फसलों की क्राप कटिंग।
– केंद्र सरकार ने किसानों की समस्याओं को समझते हुए फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक कर दिया है। कोई भी ऋणी किसान जो बीमा नहीं कराना चाहता वह एक प्रार्थना पत्र आखिरी तारीख के सात दिनों के अंदर संबंधित बैंक को देना होगा। (एजेंसी, हि.स.)

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