नई दिल्ली । क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर जारी वित्तीय मामलों पर संसद की स्थायी समिति (Parliamentary Committee) की बैठक में माना गया है कि डिजिटल करेंसी में निवेश (Cryptocurrency Investment) पर रोक नहीं लगाई जा सकती है. हालांकि, बैठक में आमंत्रित क्रिप्टोकरेंसी मार्केट के सदस्यों के साथ डिजिटल करेंसी में निवेश को रेग्युलेशन के दायरे में लाने पर विचार किया जा रहा है. स्थायी समिति की अध्यक्षता बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा (Jayant Sinha) कर रहे हैं.
निवेशकों की पूंजी की सुरक्षा को लेकर जताई चिंता
संसदीय समिति की बैठक में क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए एक रेग्युलेटरी मेकैनिज़्म (Regulatory Mechanism) तैयार करने को लेकर आम सहमति बन गई. हालांकि, इंडस्ट्री के सदस्यों और दूसरे स्टेकहोल्डर्स को अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किसे रेग्युलेटर की भूमिका सौंपी जानी चाहिए. बैठक के दौरान सांसदों ने निवेशकों की पूंजी की सुरक्षा (Security of Investors’ Money) को लेकर अपनी चिंताएं भी समिति के सामने रखीं.
‘क्रिप्टो में पूंजी लगाना निवेशकों का है विशेषाधिकार’
सूत्रों के मुताबिक, एक सांसद ने देश के बड़े समाचारपत्रों में क्रिप्टोकरेंसीस में निवेशक को लेकर दिए गए फुल पेज विज्ञापनों पर आपत्ति भी जताई. वहीं, एक्सपर्ट्स ने इस दौरान कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना या नहीं करना निवेशकों का विशषाधिकार है. बता दें कि हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के लिए उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की गई थी.
गैर-पारदर्शी विज्ञापनों को बंद करने पर जोर
बताया जा रहा है कि 13 नवंबर की मीटिंग में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर झूठे वादे और गैर पारदर्शी विज्ञापनों के जरिये युवाओं को गुमराह करने की कोशिशें बंद करने पर जोर दिया गया. आज क्रिप्टो फाइनेंस (Crypto Finance) पर संसदीय समिति की बैठक में इस तेजी से उभरती इंडस्ट्री की चुनौतियों और अवसरों को लेकर चर्चा हुई. दरअसल, सरकार की योजना नॉन-रेग्युलेशन वाले एसेट्स में पारदर्शिता लाने और निवेशकों को लुभाने के लिए कंपनियों की ओर से बढ़ा-चढ़ाकर किए जाने वाले दावों पर रोक लगाने की है.
आरबीआई ने अपने स्टैंड में नहीं किया कोई बदलाव
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने पिछले हफ्ते कहा था कि वर्चुअल करेंसी को लेकर केंद्रीय बैंक की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है. हमने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी चिंताएं सरकार को बताई हैं. उन्होंने कहा कि निवेशकों को भी डिजिटल करेंसी को लेकर बहुत सतर्क रहने की जरूरत है. यह एक बड़ा जोखिम साबित हो सकता है. उन्होंने कहा था कि ये किसी भी फाइनेंशियल सिस्टम के लिए गंभीर खतरा हैं, क्योंकि वो केंद्रीय बैंकों के नियंत्रण में नहीं हैं.