नई दिल्ली. यहां ऊपर आप हेलमेट पहने और राइफल (gun) पकड़े जिस दुबले-पतले शख्स की तस्वीर देख रहे हैं. इसका नाम यासिर अबू शबाब (Yasser Abu Shabab) है, जो पॉपुलर फोर्सेज (Popular Forces) नाम के सशस्त्र समूह का मोर्चा संभाले हुए हैं और गाजापट्टी के रफाह में एक्टिव है.
यासिर अबू शबाब की पॉपुलर फोर्सेज में 300 के आसपास लड़ाके हैं. कहा जा रहा है कि वह हमास के खिलाफ लगातार अपने संगठन की ताकत को बढ़ा रहा है. यह संगठन पूर्वी रफाह में एक्टिव है. इजरायली सरकार विशेष रूप से शिन बेट अबू शबाब के इस संगठन को हथियार और समर्थन दे रही है ताकि हमास के प्रभाव को कम किया जा सके. इजरायल की यह रणनीति हमास के खिलाफ वैकल्पिक पावर सेंटर का हिस्सा है.
अबू शबाब का दावा है कि उनका संगठन रफाह में सुरक्षा देती है और हमास के आतंक और सहायता की लूट से लोगों को बचाती है. अबू शबाब पर गाजा में मानवीय सहायता ट्रकों को लूटने का आरोप है. संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों और गाजा के ट्रक ड्राइवरों ने दावा किया है कि उनके संगठन ने आटा और अन्य सामग्री लूटी है.
वहीं, हमास ने अबू शबाब को इजरायल का सहयोगी और देशद्रोही करार दिया है. 2024 में हमास ने उनके समूह पर हमले किए और दावा किया कि उन्होंने अबू शबाब सहित कई विरोधियों को मार डाला, लेकिन 2025 में वे फिर से सक्रिय दिखे. हमास ने उनकी हत्या के लिए अल-कस्सम ब्रिगेड को अधिकृत किया है.
अबू शबाब का समर्थन इजरायल की उस नीति का हिस्सा है, जो गाजा में हमास के शासन को कमजोर करने और वैकल्पिक शक्तियों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है. हालांकि, इस रणनीति की आलोचना हो रही है, क्योंकि कुछ इजरायली विश्लेषकों का मानना है कि अबू शबाब जैसे समूह भविष्य में इजरायल के लिए खतरा बन सकते हैं.
बता दें कि गाजा पट्टी में तीन महीने से जारी इजरायली नाकेबंदी ने 20 लाख से ज्यादा लोगों को भुखमरी के कगार पर पहुंचा दिया है. हालांकि इजरायल ने हाल ही में कुछ सहायता ट्रकों को गाजा में जाने की अनुमति दी है, लेकिन सहायता संगठनों का कहना है कि यह अपर्याप्त है. इजरायल के समन्वय निकाय, COGAT के अनुसार, पिछले हफ्ते 579 ट्रक गाजा में जाने दिए गए, जबकि पिछले युद्धविराम के दौरान प्रतिदिन 600 ट्रक आते थे.
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