झाबुआ। जिले के आदिवासी अंचलों (tribal areas of the district) में शुक्रवार को लोक पर्व भगोरिया (Bhagoria Haat) की शुरुआत हुई। दूसरे दिन भी कई स्थानों पर शांतिपूर्ण तरीके से और पूरे उत्साह, उमंग और मौज मस्तीपूर्ण माहौल में भगोरिया हाट सम्पन्न हुए। शनिवार को जिले के रानापुर, मेघनगर, झकनावदा और बामनिया में भगोरिया हाट (Bhagoria Haat) भरे, जबकि पहले दिन जिले के भगोर, कालीदेवी, मांडली और बेकल्दा में भगोरिया हाट बनाम मेला लगा था। इन सभी स्थानों पर शांतिपूर्ण ढंग से हाट बनाम मेले सम्पन्न हुए जिनमें बड़ी संख्या में इन स्थानों के अतिरिक्त दूरस्थ अंचलों से आए आदिवासियों ने भाग लिया। दोनों ही दिन इन हाट बाजारों में आदिवासियों द्वारा जमकर खरीदारी भी की गई।
इस वर्ष कोरोना संकट नहीं के बराबर है और किसी तरह की प्रशासनिक बंदिशें भी नहीं है। खरीफ सहित रबी की फसलें अच्छी होने के कारण आदिवासियों के पास धन की भी कोई कमी नहीं है, इसलिए आदिवासियों ने इन दोनों ही दिनों में लगे हाट बाजारों में जमकर खरीदारी की। पिछले दशकों में यह भी देखने में आया है कि इन लोगों की आय बढ़ने के साथ अपराधों का ग्राफ भी बढ़ने लगता है, किन्तु शिक्षा के प्रसार और समझ विकसित होने के कारण अब अपराध की दर कम हुई है। लिहाजा भगोरिया हाट बाजारों में शांति रही।
अनुविभागीय पुलिस अधिकारी ईडला मौर्य और महेशचंद्र गवली ने “हिन्दुस्थान समाचार” को बताया कि “दोनों ही दिन अनुविभाग के विभिन्न स्थानों पर भरे गए भगोरिया हाट बाजार शांतिपूर्वक सम्पन्न हुए हैं, और कहीं पर किसी तरह की कोई घटना नहीं हुई।”
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